नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जवारे, जानिए क्या है इस परंपरा के पीछे छिपा विज्ञान

नवरात्रि से जुड़ी अनेक परंपराएं है। उन्हीं में से एक है जवारे बोने की। नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के एक पात्र में जवारे के बीज बोए जाते हैं। 

उज्जैन. नौ दिन में ये जवारे हरी पत्तियों के रूप में बदल जाते हैं। इस परंपरा के पीछे सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक तथ्य भी छिपे हैं। नवरात्रि के दौरान जवारे बोने से हमें इसके आयुर्वेदिक महत्व का भी पता चलता है। आगे जानिए जवारे के रस से होने वाले फायदों के बारे में...

अनेक बीमारी दूर कर सकता है जवारे का रस...
- आयुर्वेद के अनुसार, जवारे एक प्रकार की औषधि है। इसका रस पीने से अनेक रोगों में आराम मिलता है।
- जवारों का रस शरीर के लिए शक्तिशाली टॉनिक है। इसमें शरीर को स्वस्थ रखने वाले पांचो तत्वों में से चारों तत्व कार्बोहाईड्रेट, विटामिन, क्षार एवं प्रोटीन पाए जाते हैं।
- जवारे का रस पीने से पीलिया, दमा, पेट दुखना, पाचन क्रिया की दुर्बलता, अपच, गैस, विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग आदि बीमारियों में फायदा होता है।
- इसके अलावा विटामिन बी की कमी से होने वाले रोग, जोड़ों में सूजन, गठिया, पथरी, हृदयरोग, डायबिटीज, पायरिया रोगों में भी ये फायदेमंद है।
- स्किन एलर्जी सम्बन्धी रोग, आंखें के रोग, बालों का झाड़ना, जली त्वचा के निशान मिटाने के लिए भी जवारों का रस पीना लाभकारी है।
 

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