149 साल बाद खास योग में होगा चंद्रग्रहण, जानिए कैसी रहेगी ग्रहों की स्थिति

इस बार गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का योग बन रहा है। इसके पहले 12 जुलाई, 1870 को 149 साल पहले भी गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हुआ था। उस समय भी ग्रहों की स्थिति वैसी ही थी, जैसी अभी बन रही है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 16, 2019 7:07 AM IST / Updated: Jul 16 2019, 01:10 PM IST

उज्जैन. इस बार गुरु पूर्णिमा (16-17 जुलाई की दरमियानी रात) पर चंद्रग्रहण का योग बन रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इसके पहले 12 जुलाई, 1870 को 149 साल पहले भी गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हुआ था। उस समय भी ग्रहों की स्थिति वैसी ही थी, जैसी अभी बन रही है। 

ग्रहण के समय ये रहेगी ग्रहों की स्थिति
शनि और केतु ग्रहण के समय चंद्र के साथ धनु राशि में रहेंगे। इससे ग्रहण का प्रभाव और अधिक बढ़ जाएगा। सूर्य के साथ राहु और शुक्र रहेंगे। सूर्य और चंद्र चार विपरीत ग्रह शुक्र, शनि, राहु और केतु के घेरे में रहेंगे। मंगल नीच का रहेगा। इन ग्रह योगों की वजह से तनाव बढ़ सकता है। भूकंपन का खतरा रहेगा। बाढ़, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने के योग बन रहे हैं।

ये है ग्रहण का समय
16 जुलाई 2019 की रात करीब 1.31 बजे से ग्रहण शुरू हो जाएगा। इसका मोक्ष 17 जुलाई की सुबह करीब 4.30 बजे होगा।

कब से शुरू होगा सूतक?
चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। चंद्र ग्रहण का सूतक आज दोपहर 4.30 बजे से शुरू हो जाएगा, जो कि 17 जुलाई की सुबह 4.30 बजे तक रहेगा।

ये है ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि जब राहु चंद्र या सूर्य को ग्रसता है, तब ग्रहण होता है। इस संबंध में कथा प्रचलित है कि प्राचीन समय में जब समुद्र मंथन किया गया तब अमृत कलश निकला था। असुर भी अमृतपान करना चाहते थे, लेकिन भगवान विष्णु ने सिर्फ देवताओं को अमृतपान करवाया। उस समय असुर राहु ने देवताओं के साथ भेष बदलकर अमृतपान किया था। सूर्य और चंद्र ने राहु को पहचान लिया और भगवान विष्णु को ये बात बताई। इसके बाद भगवान विष्णु ने राहु का मस्तक धड़ से अलग कर दिया था। चंद्र-सूर्य से बदला लेने के लिए राहु इन ग्रहों को ग्रसता है। जब-जब राहु सूर्य-चंद्र को ग्रसता है, तब-तब ग्रहण होता है।

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