भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा में ध्यान रखनी चाहिए ये बातें, कौन-से फूल चढ़ाएं और कौन-से नहीं?

धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु जगत के पालनकर्ता हैं और भगवान श्रीकृष्ण उन्हीं के अवतार हैं। इनकी पूजा आराधना करने से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में प्रेम व खुशियां बनी रहती हैं।

उज्जैन. अधिकांश घरों में भगवान विष्णु और कृष्ण जी की तस्वीर या प्रतिमा अवश्य होती हैं। ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत इनकी पूजा से ही करते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार विष्णु जी की पूजा में कुछ बातों को ध्यान विशेष रूप से रखना चाहिए। आगे जानिए इन बातों के बारे में…

1. यदि घर में विष्णु जी के अवतार भगवान कृष्ण बाल स्वरुप यानी लड्डू गोपाल विराजे हैं तो सबसे पहले स्वयं स्नान करने का बाद उन्हें स्नान करवाना चाहिए और भोग लगना चाहिए। उनसे पहले स्वयं भोजन नहीं करना चाहिए। लड्डू गोपाल के लिए शुद्ध और सात्विक भोजन बनाना चाहिए। घर में यदि कुछ फल आदि लातें हैं तो भी सर्वप्रथम उन्हें अर्पित करें फिर स्वयं खाएं।
2. भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय हैं। विष्णु जी के विग्रह स्वरुप शालीग्राम से तुलसी विवाह भी किया जाता है। विष्णु जी की पूजा करते समय तुलसी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। तुलसी के बिना विष्णु जी की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। भगवान कृष्ण की पूजा में भी तुलसी का प्रयोग करना चाहिए।
3. पद्म पुराण के मुताबिक पुरुषोत्तम माह में विष्णु जी को स्वर्ण पुष्प अर्पित करने का विधान है। अधिक मास के समय विष्णु जी को चंपा के फूल अर्पित करने चाहिए। मान्यता है कि इससे पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
4. अश्विन माह में भगवान विष्णु को जूही और चमेली के पुष्प अर्पित करने चाहिए। मान्यतानुसार इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है।
5. विष्णु की पूजा में मालती, केवड़ा, चंपा, कमल, गुलाब, मोगरा, कनेर और गेंदे के फूल का उपयोग किया जा सकता है।
6. पुन्नाग, कुंद, तगर और अशोक वृक्ष के फूल भी भगवान के प्रिय फूलों में आते हैं। इससे भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और जीवन सुखमय व संपन्न बनता है।
7. भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल का उपयोग वर्जित माना गया है।
8. पूजा करते समय ध्यान रखें कि बासी, जमीन पर गिरे हुए फूल, बिना किसी की आज्ञा के तोड़े गए फूल-पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। पहले से तोड़कर रखा गया तुलसी का पत्ता अर्पित किया जा सकता है क्योंकि तुलसी बासी नहीं मानी जाती है।
9. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करते समय सिले हुए वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। पुरुषों के धोती पहन कर पूजा करनी चाहिए तो वहीं स्त्रियां साड़ी पहनकर पूजन कर सकती हैं।

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