लाइफ मैनेजमेंट: जहां बहुत सारे मूर्ख बैठे हों, वहां अपने ज्ञान का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए

गोस्वामी तुलसीदास रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि थे। तुलसीदासजी ने श्रीरामचरित मानस के अलावा अन्य कई ग्रंथों की रचना भी की है। उनके ग्रंथों में ऐसे अनेक दोहे हैं, जिनमें लाइफ मैनेजमेंट के खास सूत्र छिपे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 17, 2020 10:27 AM IST

उज्जैन. गोस्वामी तुलसीदास रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि थे। इन्हें महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। तुलसीदासजी ने श्रीरामचरित मानस के अलावा अन्य कई ग्रंथों की रचना भी की है। उनके ग्रंथों में ऐसे अनेक दोहे हैं, जिनमें लाइफ मैनेजमेंट के खास सूत्र छिपे हैं। ऐसा ही एक दोहा ये भी है...

दोहा
तुलसी पावस के समय, धरी कोकिलन मौन।
अब तो दादुर बोलिहं, हमें पूछिह कौन॥

अर्थ- तुलसीदास जी कहते हैं, वर्षा ऋतु में मेंढकों के टर्राने की आवाज इतनी ज्यादा हो जाती है कि कोयल की मीठी वाणी उनके शोर में दब जाती है। इसलिए कोयल मौन धारण कर लेती है।

लाइफ मैनेजमेंट ये है कि

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