रहस्यमयी है भगवान शिव का स्वरूप, जानिए क्यों रहते हैं वे श्मशान में, क्यों भूत-प्रेत हैं उनके सेवक?

भगवान शिव जितने रहस्यमयी हैं, उनकी वेश-भूषा व उनसे जुड़े तथ्य भी उतने ही विचित्र है। शिव श्मशान में निवास करते हैं, गले में नाग धारण करते हैं, भांग व धतूरा ग्रहण करते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 10, 2020 2:05 AM IST

उज्जैन. भगवान शिव के साथ न जाने कितने रोचक तथ्य जुड़े हैं। आज हम आपको भगवान शिव से जुड़ी ऐसी ही रोचक बातें व इनमें छिपे लाइफ मैनेजमेंट के सूत्रों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-

भगवान शिव को क्यों कहते श्मशान का निवासी?
भगवान शिव को वैसे तो परिवार का देवता कहा जाता है, लेकिन फिर भी श्मशान में निवास करते हैं। भगवान शिव के सांसारिक होते हुए भी श्मशान में निवास करने के पीछे लाइफ मैनेजमेंट का एक गूढ़ सूत्र छिपा है। संसार मोह-माया का प्रतीक है जबकि श्मशान वैराग्य का। भगवान शिव कहते हैं कि संसार में रहते हुए अपने कर्तव्य पूरे करो, लेकिन मोह-माया से दूर रहो। क्योंकि ये संसार तो नश्वर है। एक न एक दिन ये सबकुछ नष्ट होने वाला है। इसलिए संसार में रहते हुए भी किसी से मोह मत रखो और अपने कर्तव्य पूरे करते हुए वैरागी की तरह आचरण करो।

क्यों है भूत-प्रेत शिव के गण?
शिव को संहार का देवता कहा गया है। अर्थात जब मनुष्य अपनी सभी मर्यादाओं को तोड़ने लगता है तब शिव उसका संहार कर देते हैं। जिन्हें अपने पाप कर्मों का फल भोगना बचा रहता है वे ही प्रेतयोनि को प्राप्त होते हैं। चूंकि शिव संहार के देवता हैं। इसलिए इनको दंड भी वे ही देते हैं। इसलिए शिव को भूत-प्रेतों का देवता भी कहा जाता है। दरअसल यह जो भूत-प्रेत है वह कुछ और नहीं बल्कि सूक्ष्म शरीर का प्रतीक है। भगवान शिव का यह संदेश है कि हर तरह के जीव जिससे सब घृणा करते हैं या भय करते हैं वे भी शिव के समीप पहुंच सकते हैं, केवल शर्त है कि वे अपना सर्वस्व शिव को समर्पित कर दें।

भगवान शिव गले में क्यों धारण करते हैं नाग?
भगवान शिव जितने रहस्यमयी हैं, उनका वस्त्र व आभूषण भी उतने ही विचित्र हैं। सांसारिक लोग जिनसे दूर भागते हैं। भगवान शिव उसे ही अपने साथ रखते हैं। भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो गले में नाग धारण करते हैं। देखा जाए तो नाग बहुत ही खतरनाक प्राणी है, लेकिन वह बिना कारण किसी को नहीं काटता। नाग पारिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण जीव है। जाने-अंजाने में ये मनुष्यों की सहायता ही करता है। कुछ लोग डर कर या अपने निजी स्वार्थ के लिए नागों को मार देते हैं। लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान शिव नाग को गले में धारण कर ये संदेश देते हैं कि जीवन चक्र में हर प्राणी का अपना विशेष योगदान है। इसलिए बिना वजह किसी प्राणी की हत्या न करें।
 

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