Mahakal Lok: क्षिप्रा तट पर 11 अक्टूबर तक रोज होगी ‘खास’ आरती, विश्व स्तर के कलाकार देंगे प्रस्तुति

Published : Oct 06, 2022, 05:34 PM IST
Mahakal Lok: क्षिप्रा तट पर 11 अक्टूबर तक रोज होगी ‘खास’ आरती, विश्व स्तर के कलाकार देंगे प्रस्तुति

सार

Mahakal Lok: मध्य प्रदेश के उज्जैन में 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इसको लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और प्रशासन भी इस कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटा हुआ है।    

उज्जैन. महाकाल लोक (Mahakal Lok) लोकर्पण भले ही 11 अक्टूबर को होगा, लेकिन इसकी शुरूआत 6 अक्टूबर से हो जाएगी। क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित राम घाट पर 6 से 11 अक्टूबर तक रोज भिन्न-भिन्न विश्व स्तरीय संगीतमय धार्मिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। श्रीराम पर आधारित 45 मिनट की संगीतमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां कलाकार देंगे। शाम को होने वाली मां क्षिप्रा की आरती विशेष थीम पर आधारित होगी, जो लोगों में आकर्षण का केंद्र रहेगी, इसमें 1500 दीपक प्रज्ज्वलित कर 11 ब्राह्मण मां शिप्रा की आरती करेंगे। 

घर-घर पहुंचाए जाएंगे आमंत्रण पत्र
महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आने से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) खुद इस पूरे कार्यक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जनता को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है, इसके लिए घर-घर तक आमंत्रण पत्र पहुंचाने की तैयारियां की जा रही है ताकि अधिक से अधिक लोग मोदीजी की सभा में आएं। आमंत्रण पत्र बांटने के लिए वार्ड स्तर पर समितियां बनाई जा रही हैं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है।

ऐसा रहेगा पीएम का कार्यक्रम
पीएम मोदी 11 अक्टूबर की शाम 5.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री शंख द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे और पूजा आदि करने के बाद नंदी द्वार से बाहर निकलकर श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद PM क्षिप्रा तट कार्तिक मेला ग्राउंड सभास्थल पर पहुंचेंगे। उल्लेखनीय है कि मोदी महाकाल मंदिर आने वाले पांचवें प्रधानमंत्री हैं। मोदी से पहले लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी बाबा महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।

क्या है महाकाल लोक प्रोजेक्ट?
उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। चूंकि दक्षिण दिशा यमराज की मानी गई है, इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का महत्व काफी अधिक माना गया है। इस मंदिर का विस्तार कर इसे भव्य रूप दिया जा रहा है। महाकाल लोक लगभग 20 हेक्टेयर भूमि पर बनाया गया है, जहां भक्तों के लिए कई सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। महाकाल लोक प्रोजेक्ट के पहले चरण में लगभग 800 करोड़ का खर्च आया है। 


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