Mahakal Shahi Sawari 2022: मध्य प्रदेश के उज्जैन में ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की अंतिम सवारी 22 अगस्त, सोमवार को शाही ठाठ-बाठ से निकली। सवारी के दौरान भगवान महाकाल ने 6 अलग-अलग रूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिए।
उज्जैन. हर साल सावन मास के प्रत्येक सोमवार और भाद्रपद मास के प्रथम 2 सोमवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। ये परंपरा काफी पुरानी है। भाद्रपद मास की दूसरी और अंतिम सवारी को शाही सवारी (Mahakal Shahi Sawari 2022 ) कहा जाता है। इस बार भगवान महाकाल की शाही सवारी 22 अगस्त को शाही ठाठ-बाठ से निकली। इस दौरान भगवान महाकाल ने 6 अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन दिए।
भारी बारिश में भी डटे रहे भक्त
उज्जैन में रविवार शाम से ही रूक-रूक कर कभी तेज तो कभी धीमी बारिश हो रही थी। सोमवार को भी दिन भर मौसम का ऐसा ही मिजाज रहा। सवारी के दौरान भी बारिश होती रही, लेकिन इसके बाद भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ और वे अपने राजा के दर्शन के लिए सड़कों पर जमे रहे। भगवान महाकाल की एक झलक पाने की ललक के चलते बच्चे, बूढ़े, महिला सभी सड़कों पर कई घंटों तक डटे रहे।
इन 6 रूपों में दर्शन दिए महाकाल ने
भगवान महाकाल की शाही सवारी के दौरान रजत जड़ित पालकी में भगवान श्री महाकाल श्री चन्द्रमोलीश्वर स्वरूप में विराजित थे और हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा महेश जी के मुखारविंद, डोल रथ पर श्री होलकर स्टेट का मुखारविंद व बैलगाड़ी में डोल रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी दी गई।
इस मार्ग से निकली सवारी
श्री चन्द्रमोलेश्वर जी की पालकी अपने निर्धारित समय शाम 4 बजे से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुचेगी। रामघाट पर पूजन-अर्चन के बाद शाही सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का श्री जगदीश मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा, तेलीवाडा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक से श्री गोपाल मंदिर पर पहुंचेगी। यहां सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर का पूजन किया जाएगा। उसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए मंदिर परिसर में पहुंचेगी।
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