Mahashivratri 2022: इस ज्योतिर्लिंग के शिखरों में लगा था 22 टन सोना, स्वयं महादेव करते हैं इस नगर की रक्षा

प्राचीन ग्रंथों में सात धार्मिक शहरों के बारे में बताया गया है। इन्हें सप्तपुरी कहा जाता है। काशी भी इनमें से एक है। ये उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है। यहां स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (Kashi Vishwanath Jyotirling) प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में सातवे स्थान पर आता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2022 5:45 AM IST / Updated: Feb 28 2022, 05:58 PM IST

उज्जैन. ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए वर्ष भर यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है व दूसरा जन्म नहीं लेना पड़ता। शिवपुराण (Shivpuran) के अनुसार प्रलयकाल में जब समस्त संसार का नाश हो जाता है, उस समय भी काशी अपने स्थान पर रहती है। प्रलयकाल आने पर भगवान शंकर इसे अपने त्रिशूल पर धारण कर लेते हैं और सृष्टि काल आने पर इसे नीचे उतार देते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार काशी में प्राण त्याग करने से जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) के मौके पर हम आपको इस ज्योतिर्लिंग के बारे में खास बातें बता रहे हैं… 

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ये है पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार, भगवान शंकर ने पार्वती जी से विवाह किया और उसके बाद कैलाश पर्वत आकर रहने लगे। पार्वती जी विवाहित होने के बाद भी अपने पिता के घर रह रही थीं जो उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। उन्होंने एक दिन भगवान शिव से कहा कि “आप मुझे अपने घर ले चलिए। आपसे विवाह होने के बाद भी मुझे अपने पिता के घर ही रहना पड़ता है। यहां रहना मुझे अच्छा नहीं लगता है।” भगवान शिव ने माता पार्वती की बात को स्वीकारा और उन्हें अपने साथ अपनी पवित्र नगरी काशी ले आए। यहां आकर वो विश्वनाथ-ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए। कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से ही मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है। 

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काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी खास बातें
1.
इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1777 में काशी विश्वनाथ मंदिर का पूर्णत: जीर्णोद्धार कराया।
2. यह मंदिर 30 वर्ग फीट में निर्मित हुआ। इसकी चोटी (शीर्ष ) 51 फीट है। इस मंदिर में पांच पंडप भी अहिल्याबाई ने ही बनवाए थे।
3. 1853 में पंजाब के राजा रणजीत सिंह ने 22 टन सोने से मंदिर के शिखरों को स्वर्णमंडित करवाया था।
4. यहां प्रचलित कथाओं के अनुसार काशी के प्राचीन मंदिर को औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था। बाद में फिर से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
5. काशी के कई घाट बहुत प्रसिद्ध हैं। इनमें दशाश्वमेध घाट, मणिकार्णिका घाट, हरिश्चंद्र घाट और तुलसी घाट आदि शामिल हैं। इन घाटों का विशेष महत्व है।
6. महाभारत में काशी का उल्लेख है। यहां के राजा काशिराज की तीन पुत्रियां थीं। अंबा, अंबालिका और अंबिका। इनका स्वयंवर होने वाला था, तब भीष्म ने इन कन्याओं का अपहरण कर लिया था। महाभारत युद्ध में काशिराज ने पांडवों का साथ दिया था।

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कैसे पहुंचे?
- वाराणसी में दो रेलवे जंक्शन है- वाराणसी जंक्शन और मुगल सराय जंक्शन। यह दोनों रेलवे जंक्शन शहर से पूर्व की ओर 15 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्टेशन दिल्ली, आगरा, लखनऊ, मुम्बई और कोलकाता सीधे जुड़े हुए हैं।
- वाराणसी के लिए राज्य के कई शहरों जैसे- लखनऊ, कानपुर और इलाहबाद आदि से बसें आसानी से मिल जाती है।
- वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, लखनऊ, मुम्बई, खजुराहो और कोलकाता आदि से सीधी उड़ानों के द्वारा जुड़ा है।

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