उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार 14 जनवरी की देर रात 2 बजकर 21 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस कारण सूर्योदय व्यापिनी तिथि में यह त्योहार 15 जनवरी को मनेगा। इस साल मकर संक्रांति पर सूर्य और बुध एक साथ होने से बुधादित्य योग बन रहा है। इसके अलावा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र होने से वर्धमान नाम का एक शुभ योग इस दिन रहेगा।
1 साल में होती है 12 संक्रांति
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पं भट्ट के अनुसार साल में 12 संक्रांति होती है, लेकिन मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। क्योंकि इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं।
जब सूर्य मकर से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है तब उत्तरायण रहता है। इसके बाद कर्क से धनु राशि तक सूर्य के रहने पर दक्षिणायन होता है।
मकर संक्रांति से देवताओं के दिन और दैत्यों की रात शुरू हो जाती है। इस वजह से विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत, मूर्ति प्रतिष्ठा करने जैसे शुभ कार्य संक्रांति के बाद शुरू हो जाते हैं।
इस दिन दान का है विशेष महत्व
15 जनवरी 2020 को विशेष पुण्यकाल 8 बजकर 14 मिनट से सूर्यास्त तक रहेगा।
पुण्य काल के समय में तीर्थ स्नान, दान, जाप, हवन, तुलादान, गौदान, स्वर्ण दान का विशेष महत्व है।
गरीबों को कम्बल, ब्राह्मणों को खिचड़ी एवं तिल गुड़ का पात्र भरकर दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
स्नान के पूर्व शरीर पर तिल का उबटन लगाकर स्नान करने से आरोग्य की वृद्धि होती है ।