Ganesh Utsav : एक मंदिर जहां मनुष्य रूप में होती है भगवान श्रीगणेश की पूजा

इस बार 2 से 12 सितंबर तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा। इन 10 दिनों में श्रीगणेश के प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।

Asianet News Hindi | Published : Sep 2, 2019 1:29 PM IST

उज्जैन. हमारे देश में भगवान श्रीगणेश के अनेक मंदिर हैं, लेकिन उन सभी में तमिलनाडु के तिलतर्पण पुरी की विशेषता सबसे अलग है। आमतौर पर हर मंदिर में श्रीगणेश की हाथी के मुख वाली प्रतिमा ही दिखाई देती है, लेकिन यहां गणेशजी की नरमुखी प्रतिमा के दर्शन होते हैं। 

इसलिए भी खास है ये शहर
इस शहर का नाम तिलतर्पण पुरी है और ये पितरों को समर्पित है। यहां दूर-दूर से लोग श्राद्ध कर्म और तर्पण करने आते हैं। पितरों के लिए ही तिल तर्पण किया जाता है। तिलतर्पण पुरी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला- तिलतर्पण और दूसरा पुरी। तिलतर्पण का अर्थ होता है- पूर्वजों को तिल चढ़ाना और पुरी का अर्थ है- शहर, यानी ये शहर पूर्वजों को समर्पित है।

कहां स्थित है ये मंदिर
तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले में कुटनूर शहर है। ये तिरुवरुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तमिलनाडु में देवी सरस्वती का एकमात्र मंदिर कूटनूर में है। कूटनूर से करीब 3 किमी दूर तिलतर्पण पुरी स्थित है। इस शहर में आदि विनायक मंदिर है। यहां पर पितृ दोष की शांति के लिए पूजा विशेष रूप से की जाती है। यहां भगवान शिव का भी मंदिर है।

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