मोदी ने भूमि पूजन से पहले क्यों लगाया पारिजात का पौधा, हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है इसका महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन किया। इसके पहले उन्होंने पारिजात का पौधा भी लगाया।

Asianet News Hindi | Published : Aug 5, 2020 9:33 AM IST

उज्जैन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन किया। इसके पहले उन्होंने पारिजात का पौधा भी लगाया। हिंदू धर्म ग्रंथों में इस पौधे का विशेष महत्व बताया गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट के अनुसार, पारिजात को दैवीय पेड़ माना गया है। जानिए इस पेड़ से जुड़ी खास बातें…

समुद्र मंथन से निकला था पारिजात
दैत्यों और देवताओं द्वारा जब समुद्र मंथन किया गया तो उसमें से देवी लक्ष्मी, अमृत आदि बहुत से रत्न निकले। उनमें से पारिजात का वृक्ष भी एक था। समुद्र मंथन से निकले पारिजात वृक्ष को देवराज इंद्र ने स्वर्ग में स्थापित किया था। भगवान श्रीकृष्ण उस वृक्ष को स्वर्ग से धरती पर लेकर आए।

पारिजात को कल्पवृक्ष भी कहते हैं
हरिवंश पुराण में पारिजात को कल्पवृक्ष भी कहा गया है। मान्यता है कि स्वर्गलोक में इसको स्पर्श करने का अधिकार सिर्फ उर्वशी नाम की अप्सरा को था। इस वृक्ष के स्पर्श मात्र से ही उर्वशी की सारी थकान मिट जाती थी। आज भी लोग मानते हैं कि इसकी छाया में बैठने से सारी थकावट दूर हो जाती है।

औषधीय गुणों से भरपूर
पारिजात औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके फूल व पत्तियों से कई तरह की बीमारियां का उपचार होता है। इसके बीज के सेवन से बवासीर रोग में आराम मिलता है। फूलों के रस के सेवन से हृदय रोग से बचा जा सकता है। पारिजात की पत्तियों से त्वचा संबंधित रोग ठीक हो जाते हैं।

इन पौधों व पेड़ों का भी विशेष महत्व
1. हिंदू धर्म में वैसे तो हर पेड़-पौधे की पूजा की जाती है, लेकिन उन सभी कुछ का विशेष महत्व है जैसे तुलसी का पौधा। ऐसी मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा अवश्य होना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 
2. आंवले के पेड़ की पूजा से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साल में एक बार आंवला नवमी का पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
3. शमी वृक्ष की पूजा दशहरे पर करने की परंपरा है। इस पेड़ पर जल चढ़ाने और पूजा करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है। महाभारत के अनुसार, अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने अपनी अस्त्र-शस्त्र शमी वृक्ष पर ही छिपाए थे।
4. शिवपुराण में बिल्व वृक्ष की विशेष महिमा बताई गई है। उसके अनुसार इस वृक्ष के मूल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्थान है। इसकी पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं अपने भक्तों को अभय प्रदान करते हैं।
5. पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इसकी पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है। वैज्ञानिकों ने भी माना है कि पीपल का पेड़ पूरे समय ऑक्सीजन देता है। इसलिए इस वृक्ष की हिंदू धर्म में विशेष स्थान है।

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