Ravidas Jayanti 2022: संत रविदास के इस मंदिर में है 200 किलो से ज्यादा सोना, 130 किलो की तो सिर्फ पालकी है

काशी को मंदिरों का शहर कहा जाता है। यहां भगवान विश्वनाथ स्वयं विराजित हैं और उनके कोतवाल कालभैरव भी। इस शहर में भगवान के साथ-साथ उनके भक्तों की भी पूजा की जाती है। यहां ऐसा भी एक अनोखा मंदिर है जहां भगवान के परम भक्त संत रविदास (Ravidas Jayanti 2022) की भी पूजा की जाती है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 16, 2022 4:30 AM IST

उज्जैन. काशी स्थित संत रविदास मंदिर की कई विशेषताएं हैं, जो इसे बहुत खास बनाती हैं। श्रद्धालुओं की श्रद्धा ऐसी है कि उन्होंने अपने दान से संत रविदास की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर बनाया और यह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद काशी का दूसरा स्वर्ण मंदिर बन गया। इस मंदिर (Sant Ravidas Mandir Kashi) का निर्माण 1965 में हुआ था। इस मंदिर में 130 किलो सोने की पालकी, 35 किलो सोने का दीपक, 35 किलो सोने की छतरी और 32 स्वर्ण कलश हैं। रविदास जयंती के मौके पर यहां इनके अनुयायियों का तांता लगता है। कई दिग्गज नेता भी समय-समय पर यहां आकर शिश नवाते हैं। आज रविदास जयंती के मौके पर हम आपको इस मंदिर से जुड़ी खास बातें बता रहे हैं।

यूरोप के भक्तों ने बनवाई सोने की पालकी
सीर गोवर्धन में संत रविदास का मंदिर रैदासियों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर के शिखर का कलश और मंदिर में मौजूद संत रविदास की पालकी से लेकर छत्र तक सब कुछ सोने का है। पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा विदेशों से भी आने वाले श्रद्धालुओं के दान से संत के मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित कराया गया है। काशी स्थित संत रविदास मंदिर में 130 किलो सोने की पालकी रखी हुई है। इसे 2008 में यूरोप के भक्तों ने संगत कर पंजाब के जालंधर में बनवाया था। इस पालकी को साल में एक बार रविदासजी की जयंती के मौके पर ही निकाला जाता है। 

35 किलो सोने का दीपक
यहां पहला स्वर्ण कलश 1994 में संत गरीब दास ने संगत के सहयोग से चढ़ाया था। बाद में भक्तों ने इसे 32 स्वर्ण कलशों से सुशोभित किया। इसके अलावा 2012 में 35 किलो का सोने का स्वर्ण दीपक बनवाया गया। इसमें अखंड ज्योति जल रही है। इस दीपक में एक बार में पांच किलोग्राम घी भरा जाता है। इतना ही नहीं एक भक्त ने संगत कर मंदिर में 35 किलो सोने का छत्र भी लगाया है। कुल मिलाकर इस पूरे मंदिर में 200 किलो से ज्यादा सोना मौजूद है। जो हर साल भक्तों के दान से बढ़ता ही जा रहा है।

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