हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकटा गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इसे तिल चतुर्थी भी कहते हैं।
उज्जैन. इस बार संकटा गणेश चतुर्थी का व्रत 13 जनवरी, सोमवार को है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीगणेश व चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है-
ये है पूजा विधि
जानिए संकटा गणेश चतुर्थी का महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार, तिल चतुर्थी व्रत करने से सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है साथ ही भगवान श्रीगणेश की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है। व्यक्ति को अपने व्यवसाय में बरकत मिलती है, मानसिक शांति प्राप्त होती है व घर में खुशहाली का वातावरण बना रहता है।
दान का विशेष महत्व
इस दिन दान का भी विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में लिखा है। उसके अनुसार जो व्यक्ति इस दिन व्रत करने के साथ-साथ दान भी करता है। उसकी हर मनोकामना पूरी होती है और जो व्यक्ति व्रत न रखकर केवल दान ही करता है उसका भी कल्याण होता है। इस दिन गरीब लोगों को गर्म वस्त्र, कम्बल, कपड़े आदि दान कर सकते हैं। भगवान गणेश को तिल तथा गुड़ के लड्डुओं का भोग लगाने के बाद प्रसाद को गरीब लोगों में बांटना चाहिए। लड्डुओं के अतिरिक्त अन्य खाद्य पदार्थ भी बांट सकते हैं।