Sawan 2022: यहां हुआ था शिव-पार्वती का विवाह, तब से आज तक नहीं बूझी इस हवनकुंड की अग्नि

हमारे देश में प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिरों का संबंध सतयुग से भी माना जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं जिसका संबंध शिव-पार्वती के विवाह से है। ये मंदिर उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) में स्थित है।

Manish Meharele | Published : Jul 29, 2022 4:46 AM IST / Updated: Jul 29 2022, 10:27 AM IST

उज्जैन. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित है त्रियुगीनारायण मंदिर (Triyuginarayan Temple)। ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन इसकी मान्यता भगवान शिव से भी जुड़ी है। कहते हैं कि ये वही स्थान है, जहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। और भी कई मान्यताएं इस मंदिर से जुड़ी हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि यहां जिसका विवाह होता है, उसका वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखी और खुशहाल रहता है। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें…

मंदिर के सामने जल रही है अंखड ज्योति
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां स्थित अंखड ज्योति है जो मंदिर के सामने जलती रहती है। ऐसा कहा जाता कि इस अग्नि के सामने शिव-पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे। इस धूनी के चलते ही इस मंदिर को अखण्ड धूनी मंदिर भी कहा जाता है। वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए श्रृद्धाल इस हवनकुण्ड की राख को अपने साथ ले जाते हैं। मन्दिर के सामने स्थित ब्रह्मशिला को दिव्य विवाह का वास्तविक स्थल माना जाता है। 

ऐसा है मंदिर का स्वरूप
मान्यता है कि वर्तमान में जो मंदिर यहां स्थित है, उसका निर्माण आदि शंकराचार्य ने करवाया था। मंदिर में भगवान विष्णु की 2 फुट की प्रतिमा स्थित है। साथ में देवी लक्ष्मी देवी सरस्वती की प्रतिमाएं भी हैं। मंदिर के नजदीक सरस्वती गंगा नाम की एक धारा निकलती है। यहीं से आस-पास के सारे पवित्र सरोवर भरते हैं। इन सरोवरों के नाम रुद्रकुंड, विष्णुकुंड, ब्रह्मकुंड व सरस्वती कुंड हैं। रुद्रकुंड में स्नान, विष्णुकुंड में मार्जन, ब्रह्मकुंड में आचमन और सरस्वती कुंड में तर्पण किया जाता है। 

कैसे पहुंचें?
ये मंदिर सोनप्रयाग से 12 किमी दूर है, यहां से आप आसानी से सड़क मार्ग से होते हुए मंदिर तक जा सकते हैं। केदारनाथ मंदिर से त्रियुगीनारायण की ट्रेकिंग दूरी लगभग 25 किमी है। रेल यात्री हरिद्वार के लिए ट्रेन में सवार हो सकते हैं, जो त्रियुगीनारायण से लगभग 275 किमी दूर स्थित है। यहां का सबसे नजदीक हवाई अड्डा देहरादून है। यहां से आप टैक्सी या अपने निजी वाहन से आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

ये भी पढ़ें...

30 जुलाई को सावन का तीसरा शनिवार, इस दिन करें धन लाभ व शीघ्र विवाह के लिए ये आसान उपाय

Sawan 2022: सावन में करें ये छोटा-सा उपाय, घर बैठे मिल जाएगा 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का फल

Sawan 2022: सावन में करें इन 5 में से कोई 1 उपाय, किस्मत चमकते देर नहीं लगेगी

 

Read more Articles on
Share this article
click me!