सावन: द्रौपदी को पूर्व जन्म में किसने दिया था पांच पति का वरदान? भगवान शिव से जुड़ी है ये कथा

द्रौपदी महाभारत के सबसे अहम पात्रों में से एक थी। द्रौपदी को स्वयंवर में अर्जुन ने अपने पराक्रम से प्राप्त किया था फिर भी वह पांचों भाइयों (पांडवों) की पत्नी बनी। इसका कारण द्रौपदी के पिछले जन्म में शंकर भगवान द्वारा दिया गया वरदान था।

Asianet News Hindi | Published : Jul 23, 2020 2:17 AM IST

द्रौपदी महाभारत के सबसे अहम पात्रों में से एक थी। द्रौपदी को स्वयंवर में अर्जुन ने अपने पराक्रम से प्राप्त किया था फिर भी वह पांचों भाइयों (पांडवों) की पत्नी बनी। इसका कारण द्रौपदी के पिछले जन्म में शंकर भगवान द्वारा दिया गया वरदान था। महाभारत के आदि पर्व में श्रीकृष्ण द्वैपायन व्यास ने इस कथा का वर्णन किया है। कथा के अनुसार-

- द्रौपदी पूर्व जन्म में महात्मा ऋषि की कन्या थी। सर्वगुण संपन्न होने पर भी पूर्व जन्मों के कर्मों के फलस्वरूप किसी ने उसे पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया।
- इससे दु:खी होकर उसने भगवान शंकर की घोर तपस्या की। भगवान शंकर उसकी तपस्या से प्रसन्न हुए तथा वरदान मांगने को कहा।
- ऋषि पुत्री ने पांच बार कहा- मैं सर्वगुण युक्त पति चाहती हूं। ऐसा उसने पांच बार कहा।
- शंकर भागवान ने कहा- तुझे पांच भरतवंशी पति प्राप्त होंगे। ऋषि कन्या बोली- मैंने तो एक ही पति का कामना की थी।
- भगवान शंकर ने कहा- तूने पति प्राप्त करने के लिए मुझसे पांच बार प्रार्थना की, इसीलिए अगले जन्म में तुझे पांच ही पति प्राप्त होंगे।
- भगवान शंकर के इसी वरदान के रूप में द्रौपदी पांडवों की पत्नी बनी।

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