Shani Rashi Parivartan 2023: न कोई उपाय- न पूजा-पाठ, ये 4 आसान काम बचा सकते हैं आपको शनि के प्रकोप से

Shani Rashi Parivartan 2023: शनि ग्रह हर ढाई साल में राशि बदलता है। इस बार ये ग्रह 17 जनवरी को मकर से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। ऐसा होते ही मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम चरण आरंभ हो जाएगा।
 

Manish Meharele | Published : Jan 17, 2023 3:31 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को क्रूर ग्रह माना गया है जिसके चलते ऐसा कहा जाता है कि शनि हमेशा अशुभ फल ही प्रदान करते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। शनिदेव जब किसी पर प्रसन्न हो जाते हैं तो उसके वारे-न्यारे कर देते हैं। शनिदेव हर ढाई साल में राशि बदलते हैं। (Shani Rashi Parivartan 2023) इस बार शनिदेव 17 जनवरी को मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय ज्योतिष ग्रंथों में बताए गए हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, शनिदेव सिर्फ कर्मों का फल ही मनुष्यों को देते हैं। कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बिना उपाय के भी शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। आगे जानिए इन कामों के बारे में…

मजदूरों का पैसा न रोकें
शनिदेव गरीब, असहाय, कुष्ठ रोगियों आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर आप किसी मजदूर व्यक्ति से काम करवा रहे हैं तो समय पर उसके पैसे का भुगतान करें। अनावश्यक रूप से उसे परेशान न करें। जो व्यक्ति ऐसा करता है, उससे शनिदेव नाराज हो जाते हैं और ढय्या व साढ़ेसाती के समय उसे इसके अशुभ फल प्राप्त होते हैं।

गरीबों का अपमान न करें
कुछ लोग जानबूझकर गरीबों का अपमान करते हैं। ऐसे लोग मेहनत कर अपना जीवन-यापन करते हैं, इसलिए ये किसी भी रूप में अपमान करने योग्य नहीं होते। और जो व्यक्ति ऐसा करता है उस पर शनिदेव की नजर बनी रहती है। समय आने पर उसे इस गलती का भुगतान करना पड़ता है।

नौकरों को अपशब्द न बोलें
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे अपने यहां काम करने वाले नौकरों को बिना वजह अपशब्द बोलते रहते हैं। अगर किसी नौकर से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए, न कि उसे अपशब्द बोलना चाहिए। जो लोग जाने-अनजाने में भी ऐसा करते हैं, उन्हें निकट भविष्य में परेशान होना पड़ता है।

कुष्ठ रोगियों की हेय दृष्टि से न देखें
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुष्ठ रोगियों को दान करने का विधान है, लेकिन कुछ लोग कुष्ठ रोगियों को हेय दृष्टि से देखते हैं और पास आने पर दुत्कार कर भगा देते हैं। ऐसे लोगों पर शनिदेव नाराज हो जाते हैं। जबकि जो लोग समय-समय पर कुष्ठ रोगियों को दान करता है व उनके प्रति सहानुभूति रखता है, उससे शनिदेव हमेश् प्रसन्न रहते हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

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