इस मंदिर में कलेक्टर खुद लगाते हैं देवी को शराब का भोग, इसके बाद की जाती है नगर पूजा

Published : Oct 03, 2019, 10:09 AM IST
इस मंदिर में कलेक्टर खुद लगाते हैं देवी को शराब का भोग, इसके बाद की जाती है नगर पूजा

सार

मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहां भगवान महाकाल को प्रतिदिन भांग चढ़ाई जाती है, वहीं कालभैरव दिनभर में कई लीटर शराब पी जाते हैं।

उज्जैन. इस शहर में एक देवी मंदिर ऐसा भी है, जहां नवरात्रि की महाअष्टमी पर माता को कलेक्टर खुद अपने हाथों से शराब का भोग लगाते हैं, इसके बाद नगर पूजा कर समस्त देवी-देवताओं को यह भोग अर्पण किया जाता है। 

चौबीस खंभा मंदिर में विराजित हैं दो माताएं
नगर का अतिप्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है चौबीस खंभा। यहां महालाया और महामाया दो देवियों की प्रतिमाएं द्वार के दोनों किनारों पर स्थापित हैं। सम्राट विक्रमादित्य भी इन देवियों की आराधना किया करते थे। अमृतलाल पुजारी के अनुसार, नगर पूजा की परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है। यह मंदिर प्राचीन समय में महाकाल वन का प्रवेश द्वार हुआ करता था। ये दोनों देवियां इस क्षेत्र की रक्षा करती थीं।

पहले दी जाती थी पशु बलि
इस मंदिर के आस-पास पत्थरों से निर्मित 24 खंबे हैं। इसलिए इसे 24 खंबा भी कहते हैं। प्राचीन काल में देवी महामाया और महालया देवी की पूजा के दौरान यहां पशुओं की बलि दी जाती थी। बदलते समय के साथ ये परंपरा बंद हो गई। प्रतिवर्ष नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर प्रशासन की ओर से इस मंदिर में पूजा की जाती है। इस पूजा में 20 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी 27 किमी की यात्रा पूरी कर 40 देवियों को श्रृंगार अर्पित करते हैं। 

कैसे पहुचें?
उज्जैन तक पहुंचने के लिए बस, रेल व वायु सेवा उपलब्ध है। वायु सेवा करीब 57 किलोमीटर दूर स्थित इंदौर और राजधानी भोपाल तक उपलब्ध है। मंदिर से रेल्वे स्टेशन व बस स्टैंड की दूरी करीब 1 किलोमीटर है।
 

PREV

Recommended Stories

Saphala Ekadashi के 5 उपाय दूर करेंगे आपका बैड लक, 15 दिसंबर को करें
Aaj Ka Panchang 15 दिसंबर 2025: सफला एकादशी आज, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय