विदुर नीति: भोजन और स्त्री सहित इन 4 की प्रशंसा कब और क्यों करनी चाहिए, जानिए

महाभारत हिंदू धर्म का महान ग्रंथ है। विद्वानों ने इसे पांचवां वेद भी कहा है। विदुर नीति भी इसी ग्रंथ का एक हिस्सा है।

उज्जैन. विदुर नीति के अंतर्गत महात्मा विदुर ने राजा धृतराष्ट्र को लाइफ मैनेजमेंट के बहुत से सूत्र बताए हैं। लाइफ मैनेजमेंट के ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। विदुर नीति के अनुसार जानिए जवानी निकल जाने पर कैसी स्त्री की प्रशंसा करनी चाहिए-

श्लोक
जीर्णमन्नं प्रशंसन्ति भार्या च गतयौवनाम्।
शूरं विजितसंग्रामं गतपारं तपस्विनम्।।

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अर्थ- सज्जन पुरुष पच जाने पर अन्न की, निष्कलंक जवानी निकल जाने पर स्त्री की, संग्राम जीत लेने पर योद्धा की और ज्ञान प्राप्त हो जाने पर तपस्वी की प्रशंसा करते हैं।

1. महात्मा विदुर के अनुसार, जिस स्त्री की जवानी बिना किसी दोष (निष्कंलक) के निकल जाए, वह प्रशंसा करने के योग्य है।
2. जो अन्न आसानी से पच जाए और जिसे खाने से किसी तरह का विकार (बीमारी) न हो, उस अन्न की प्रशंसा करनी चाहिए।
3. शूरवीर योद्धा के बल पर ही कोई युद्ध जीता जाता है। इसलिए युद्ध जीत लेने पर योद्धा की प्रशंसा अवश्य करनी चाहिए।
4. ज्ञान प्राप्त हो जाने पर साधारण तपस्वी भी सम्मान के योग्य हो जाता है। इसलिए उसकी प्रशंसा करनी चाहिए।

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