अपनी लाइफ मे हम सभी कभी न कभी सम्मोहन के बारे में जरूर सुनते हैं। पिछले कई सालों से ये लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सभी के मन ये जिज्ञासा जरूर होती है कि क्या सम्मोहन वाकई में होता है या फिर ये सिर्फ कहने सुनने की बातें हैं।
उज्जैन. साधारण शब्दों में अगर कहा जाए तो सम्मोहन वह क्रिया होती है जिसमें इंसान किसी दूसरे व्यक्ति को अपने वश में कर लेता है और अपने मुताबिक उससे चाहे जो काम करवा सकता है। सम्मोहित व्यक्ति का अपने ऊपर कोई वश नहीं रह जाता और वो एक यंत्रचलित मानव सा व्यवहार करने लगता है। अंग्रेजी में सम्मोहन को हिप्नोटिज्म कहते हैं। सम्मोहन का प्रचलन 18वीं शताब्दी से हुआ माना जाता है। इसे विज्ञान का रूप मानने का श्रेय ऑस्ट्रियावासी फ्रांस मेस्मर को जाता है। हिप्नोटिज्म शब्द का आविष्कार 19वीं शताब्दी के डॉ. जेम्स ब्रेड ने किया था।
भारत में सम्मोहन का इतिहास
हमारे देश में प्राचीन समय से ही इस तरह की गुप्त क्रियाएं की जाती रही है। इनका वर्णन धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। तंत्र शास्त्र में इसे मोहिनी व वशीकरण कहा जाता है। ये सभी गुप्त सिद्धियां हैं, जिसे पाने के लिए कठिन साधनाएं की जाती हैं। वास्तव में तंत्र की मोहिनी विद्या को ही आज के समय में हिप्नोटिज्म कहा जाता है। हालांकि वर्तमान स्वरूप में वैज्ञानिक व्याख्या होने से ये प्रमाणिक रूप से प्रचलित हुआ।
सपने जैसी अवस्था है सम्मोहन
सम्मोहन सपने जैसी अवस्था होती है यानी इस स्टेज पर मनुष्य बोल, चल और लिख सकता है; हिसाब लगा सकता है अन्य बहुत से काम कर सकता है। लेकिन ये सब वो किसी के ईशारे पर करता है और सम्मोहन टूटने पर उसे कुछ भी याद नहीं रहता। इस अवस्था में यदि वो किसी को मार भी दे तो उसे बाद में कुछ भी याद नहीं रहता।
ये हैं सम्मोहन के 5 प्रकार
1. आत्म सम्मोहन: इसमें व्यक्ति खुद को ही सम्मोहित करके वो काम भी करवा सकता है जो वो साधारण अवस्था में नहीं कर सकता।
2. पर सम्मोहन: इसमें सम्मोहन करने वाला दूसरे व्यक्ति को अपने वश में कर उससे मनचाहा काम करवा सकता है।
3. समूह सम्मोहन: इसमें सम्मोहन करने वाला व्यक्ति लोगों की भीड़ को एक साथ सम्मोहित कर सकता है।
4. प्राणी सम्मोहन: पशु और पक्षियों को अपने वश में करना प्राणी सम्मोहन कहलाता है।
5. परामनोविज्ञान सम्मोहन: इसमें किसी दूर बैठे व्यक्ति या समूह को सम्मोहित करना, घटनाओं को जान लेना आदि कार्य शामिल हैं।
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