इस वजह से बेहद खास है आषाढ़ की गुप्त नवरात्र

हमारे देश में देवी को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, नवरात्र भी इनमें से एक है।

rohan salodkar | Published : Jul 4, 2019 7:46 AM IST / Updated: Jul 12 2019, 01:39 PM IST

उज्जैन. हमारे देश में देवी को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, नवरात्र भी इनमें से एक है। लेकिन लोग सिर्फ दो नवरात्र (चैत्र व शारदीय) के बारे में ही जानते हैं। इनके अलावा दो और नवरात्र भी होते हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इसे गुप्त नवरात्र कहते हैं। ये गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में आते हैं। इस बार आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र का प्रारंभ 3 जुलाई, बुधवार से हो रहा है, जो 10 जुलाई को समाप्त होगी।


जानिए आखिर क्यों विशेष है आषाढ़ की गुप्त नवरात्र?

आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र में वामाचार (तंत्र-मंत्र) पद्धति से उपासना की जाती है। यह समय शाक्त (महाकाली की पूजा करने वाले) एवं शैव (भगवान शिव की पूजा करने वाले) के लिए विशेष होता है। 
इस गुप्त नवरात्र में संहारकर्ता देवी-देवताओं के गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी,खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना की जाती है। ऐसी साधनाएं शाक्त मतानुसार शीघ्र ही सफल होती हैं। दक्षिणी साधना, योगिनी साधना, भैरवी साधना के साथ पंच मकार (मद्य (शराब), मछली, मुद्रा, मैथुन, मांस) की साधना भी इसी नवरात्र में की जाती है।

साल में कब-कब आती है नवरात्र, जानिए

हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्र होती है। वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्र होती है। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्र होती है। इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्र होती है। इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में भी गुप्त नवरात्र मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।

अश्विन मास की नवरात्र सबसे प्रमुख मानी जाती है। इस दौरान गरबों के माध्यम से माता की आराधना की जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्र चैत्र मास की होती है। इन दोनों नवरात्रियों को क्रमश: शारदीय व वासंती नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है।

आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्र गुप्त रहती है। इसके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती। इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं। गुप्त नवरात्र विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। साधक इन दोनों गुप्त नवरात्र में विशेष साधना करते हैं और चमत्कारी शक्तियां प्राप्त करते हैं।

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