Gayatri Jayanti 2022: कैसे हुई वेदमाता गायत्री की उत्पत्ति, भगवान ब्रह्मा ने क्यों किया इनसे विवाह?

धर्म ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti 2022) का पर्व मनाया जाता है। पंचांग भेद होने के कारण इस बार ये पर्व दो दिनों तक (10 और 11 जून) मनाया जाएगा।

उज्जैन. देवी गायत्री को वेदमाता भी कहा जाता है। इनसे जुड़ी कई कथाएं भी पुराणों में मिलती हैं। माँ गायत्री के पांच मुंह और दस हाथ हैं। उनके चार मुख चारों वेदों और पांचवा मुख सर्वशक्तिमान शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। देवी गायत्री के 10 हाथ हैं, जिसमें उन्होंने अस्त्र-शस्त्र व वेद पकड़े हुए हैं। उनका वाहन हंस बताया गया है। समस्त वेदों की उत्पति माता गायत्री के द्वारा ही मानी जाती है। इसी कारण से इन्हें वेदमाता भी कहा जाता है। आगे जानिए देवी गायत्री के उत्पत्ति की कथा व अन्य रोचक बातें…

कैसे हुई देवी गायत्री की उत्पत्ति?
देवी गायत्री की उत्पत्ति कैसे हुई, इस संबंध में अलग-अलग बातें प्रचलित हैं। उसमें एक कथा ये भी है कि एक बार भगवान ब्रह्मा यज्ञ कर रहे थे और मुहूर्त निकला जा रहा था, तब ब्रह्माजी ने ब्राह्मणों से कहा कि “मेरी पत्नी को यज्ञ में उपस्थित होने में समय लग रहा है, अब आप ही कोई उपाय बताईए? तब यज्ञ करवाने वाले ब्राह्मणों ने एक गाय को ब्रह्माजी की पत्नी के स्थान पर बैठा दिया और वेद मंत्रों का उच्चारण करने लगे। उसी दौरान गाय के मुख से गायत्री देवी प्रकट हुईं। ब्रह्माजी ने उन्हें अपने पत्नी का स्थान पर देकर वो यज्ञ पूरा किया। इस प्रकार देवी गायत्री ब्रह्मा की पत्नी कहलाईं।

किसने की गायत्री मंत्र का रचना?
गायत्री मंत्र की रचना किसने की, इसको लेकर भी कई मत हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि गायत्री मंत्र का वर्णन सबसे पहले ऋग्वेद में आया था, जो लगभग 2500 से 3500 साल पहले संस्कृत में लिखा गया था । तब ऋषि विश्वामित्र को कई सालों तक गायत्री मंत्र की साधना की और इसका प्रचार-प्रसार भी किया। कुछ विद्वान ये भी मानते हैं ऋषि विश्वामित्र ने ही सर्वप्रथम गायत्री मंत्र की रचना की और सिद्ध करने के बाद आमजनों में इसका प्रसार किया। गायत्री मंत्र इस प्रकार है- 
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
अर्थ- उस प्राणस्वरूप, दु:ख नाशक, सुख स्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देव स्वरूप परमात्मा को हम अन्तरात्मा में धारण करें। वह ईश्वर हमारी बुद्धि को सन्मार्ग पर प्रेरित करें।

Latest Videos

गायत्री मंत्र की उपासना के फायदे
धर्म ग्रंथों में गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा गया है। यदि कोई व्यक्ति रोज विधि-विधान से गायत्री मंत्र का जाप करे तो उसकी हर इच्छा पूरी हो सकती है। गायत्री मंत्र से लंबी आयु, शक्ति, धन, तेज, मान-सम्मान आदि सबकुछ प्राप्त किया जा सकता है। अथर्ववेद में इस बात की जानकारी दी गई है। लेकिन गायत्री मंत्र की सिद्धि पाने के लिए किसी योग्य ज्योतिषी अथवा विद्वान से सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि मंत्र का पूरा फायदा हमें प्राप्त हो सके।

ये भी पढ़ें-

Gayatri Jayanti 2022: गायत्री मंत्र के ये छोटे-छोटे उपाय दूर कर सकते हैं आपकी परेशानी, जानिए इसके फायदे


Gayatri Jayanti 2022: कब है गायत्री जयंती, क्यों मनाया जाता है ये पर्व? जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

 

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी