श्रीकृष्ण के किस पुत्र का विवाह दुर्योधन की पुत्री से हुआ था, कान्हा की कितनी पत्नी व पुत्र-पुत्रियां थीं?

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे, ये बात हम सभी जानते हैं। श्रीकृष्ण की कृपा से ही पांडवों ने कौरवों को हराया और अपना खोया राज्य वापस प्राप्त किया। कम ही लोग श्रीकृष्ण के निजी जीवन से जुड़ी बातें जानते हैं।

Manish Meharele | Published : Aug 10, 2020 2:28 AM IST

उज्जैन. श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण के पूरे जीवन का वर्णन मिलता है। जन्माष्टमी (12 अगस्त, बुधवार) के अवसर पर हम आपको श्रीमद्भागवत में लिखी श्रीकृष्ण के जीवन की कुछ रोचक बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-

जानिए श्रीकृष्ण की पुत्री का नाम
भगवान श्रीकृष्ण की 8 पटरानियां थीं। उनके नाम रुक्मिणी, सत्यभामा, जांबवती, सत्या, कांलिदी, लक्ष्मणा, मित्रविंदा व भद्रा था। भगवान श्रीकृष्ण को प्रत्येक रानी से दस-दस पुत्र उत्पन्न हुए। वे सभी रूप, बल आदि गुणों में अपने पिता के समान थे। रुक्मिणी के गर्भ से जो पुत्र हुए, उनके नाम- प्रद्युम्न, चारुदेष्ण, सुदेष्ण, चारुदेह, सुचारु, चारुगुप्त, भद्रचारु, चारुचंद्र, विचारु व चारु था। इनके अलावा रुक्मिणी की एक पुत्री भी थी, जिसका नाम चारुमती था। उसका विवाह कृतवर्मा के पुत्र बली से हुआ था। इन पटरानियों के अतिरिक्त भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार एक सौ और भी पत्नियां थीं। उनके भी दीप्तिमान और ताम्रतप्त आदि दस-दस पुत्र हुए।

क्यों थी श्रीकृष्ण की 16100 रानियां?
प्राग्ज्योतिषपुर का राजा भौमासुर बहुत अत्याचारी था। उसने बलपूर्वक राजाओं से 16 हजार राजकुमारियां छीनकर अपने महल में रखी हुई थीं। भगवान श्रीकृष्ण ने भौमासुर का वध कर उन सभी को बंधनमुक्त कर दिया। जब उन राजकुमारियों ने भगवान श्रीकृष्ण को देखा तो वह उन पर मोहित हो गई और विचार करने लगी कि ये श्रीकृष्ण ही मेरे पति हों। भगवान श्रीकृष्ण ने उन सभी के मन को भावों को जानकर एक ही मुहूर्त में अलग-अलग भवनों में अलग-अलग रूप धारण कर एक साथ उन सभी से विवाह किया था।

कैसे बना दुर्योधन श्रीकृष्ण का समधी?
श्रीमद्भागवत के अनुसार, दुर्योधन की पुत्री का नाम लक्ष्मणा था। विवाह योग्य होने पर दुर्योधन ने उसका स्वयंवर किया। उस स्वयंवर में भगवान श्रीकृष्ण का पुत्र साम्ब भी गया। वह लक्ष्मणा के सौंदर्य पर मोहित हो गया और स्वयंवर से उसका हरण कर ले गया, लेकिन कौरवों ने उसे बंदी बना लिया। तब बलराम ने कौरवों को समझाया और साम्ब व लक्ष्मणा से मथुरा लेकर आए। इस तरह श्रीकृष्ण और दुर्योधन समधी बन गए।

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