हिंदू धर्म शास्त्रों में बिना स्नान किए भोजन करना वर्जित बताया गया है। शास्त्रों में लिखा है- अस्नायी समलं भुक्ते। अर्थात स्नान किए बिना भोजन करना मल खाने के समान है।
उज्जैन. वर्तमान समय में इन बातों पर गौर नहीं किया जाता, लेकिन इस तथ्य के पीछे न सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है। जानिए इस तथ्य से जुड़े रोचक पहलुओं के बारे में-
- मेडिकल साइंस के अनुसार, नहाने से शरीर का मैल निकल जाता है व मंजन से मुंह की सफाई हो जाती है। इससे शरीर में ताजगी व स्फूर्ति आ जाती है, जिससे स्वाभाविक रूप से भूख लगती है।
- नहाने के बाद किए गए भोजन का रस हमारे शरीर के लिए पुष्टिवर्धक होता है जबकि स्नान के पहले कुछ भी खाने से उसे पचाने के लिए हमारे शरीर को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।
- जो लोग नहाने के पहले भोजन करते हैं उन्हें कब्ज की शिकायत रहती है तथा अन्य कई प्रकार के रोग होने की संभावना रहती है। इसलिए स्नान से पहले भोजन करना वर्जित माना गया है।
- आवश्यक हो तो गन्ने का रस, पानी, दूध, फल व औषधि स्नान से पहले ली जा सकती है क्योंकि इनमें जल की मात्रा अधिक होती है जिससे यह जल्दी पच जाते हैं।