Ganesh Chaturthi: गणपति के 4 स्वरूप जिनकी पूजा से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है

इस बार 2 से 12 सितंबर तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Sep 1, 2019 8:56 AM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मिट्टी की गणेश प्रतिमा के साथ ही गणेशजी के अन्य स्वरूपों को भी घर में स्थापित किया जा सकता है। जानिए श्रीगणेश के 4 ऐसे स्वरूप, जिनकी पूजा से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है...

हल्दी की गांठ से बने गणेश
हल्दी की गांठ को भगवान श्रीगणेश का स्वरूप मानकर रोज पूजन करना चाहिए। इसे हरिद्रा गणेश भी कहते हैं। तंत्र उपायों में इसका विशेष महत्व है। पीसी हुई हल्दी में पानी मिलाकर भी गणेश प्रतिमा बना सकते हैं। ये गणेश प्रतिमा भी पूजन के लिए श्रेष्ठ मानी गई है। सोने से बनी और हल्दी से बनी, गणेश प्रतिमा एक समान पुण्य फल प्रदान करती है।

गोबर से बनी गणेश मूर्ति
हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय माना जाता है। महाभारत के अनुसार गाय के गोबर में महालक्ष्मी का निवास है। यही कारण है कि गोबर से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा लाभ देने वाली मानी गई है। गोबर से गणेशजी की आकृति बनाएं और इसका पूजन करें। इससे घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहता है।

लकड़ी के गणेश
भगवान की मूर्तियों के लिए पीपल, आम, नीम आदि की लकड़ी बहुत शुभ मानी गई है। लकड़ी से बनी भगवान गणेश मूर्ति को घर के मुख्य दरवाजे के बाहर ऊपरी हिस्से पर लगा सकते हैं। रोज इस प्रतिमा की पूजा करने पर घर का वातावरण शुभ बना रहता है और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

श्वेतार्क गणेश
सफेद आंकड़े की जड़ में गणेशजी की आकृति (मूर्ति) बन जाती है। इसे श्वतार्क गणेश कहा जाता है। इस मूर्ति की पूजा से सुख-सौभाग्य बढ़ता है। श्वेतार्क गणेश की मूर्ति घर लेकर आएं और नियमित रूप से विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए।

Share this article
click me!