
केन्द्रिय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 का बजट पेश किया। इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए कई राहत भरे ऐलान किए गए। बजट में बताया गया कि लिथियम आयन बैटरी पर लगने वाला मूल सीमा शुल्क हटा दिया गया है, जिससे आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम होंगी। इसके साथ ही मोटरसाइकिलों की कीमतें भी कम होने वाली हैं। आयातित बाइक्स पर सीमा शुल्क में सरकार ने 20 प्रतिशत तक की कटौती की है।
मोटरसाइकिलों पर सीमा शुल्क में भारी कटौती से बाइक्स की लागत कम होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही घरेलू उत्पादन में भी वृद्धि होगी। ज्यादातर मोटरसाइकिल भारत में ही बनती हैं, इसलिए इन बाइक्स पर भी टैक्स कम होगा। आइए जानते हैं इससे जुड़ी सभी जानकारी।
1600 सीसी से कम इंजन वाली और पूरी तरह से विदेश में निर्मित मोटरसाइकिलों पर पहले 50 प्रतिशत टैक्स लगता था, जिसे अब घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। एसकेडी मोटरसाइकिलों के इंजन विदेश में बनते हैं और बाकी बाइक के हिस्से भारत में असेंबल किए जाते हैं, इन मोटरसाइकिलों पर टैक्स 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
1600 सीसी श्रेणी की मोटरसाइकिलों के सभी पुर्जे विदेश से भारत आते हैं। लेकिन बाइक पूरी तरह से भारत में असेंबल की जाती है। इन बाइक्स पर टैक्स 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
1600 सीसी या उससे ज्यादा इंजन क्षमता वाली बाइक्स के टैक्स में भी छूट दी गई है। इसमें सीबीयू मोटरसाइकिलों पर टैक्स 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, सेमी नॉक्ड डाउन (एसकेडी) मोटरसाइकिलों के टैक्स में पांच प्रतिशत की कमी की गई है। पहले इन बाइक्स पर 25 प्रतिशत टैक्स लगता था, जो अब 20 प्रतिशत होगा। कम्प्लीट नॉक्ड डाउन (सीकेडी) मोटरसाइकिलों पर पहले 15 प्रतिशत टैक्स लगता था, अब 10 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
इसके साथ ही आयातित मोटरसाइकिलों पर टैक्स में कटौती से भारतीय दोपहिया वाहन बाजार में उन मॉडलों की कीमतें कम होंगी। इससे प्रीमियम मॉडलों की ओर ग्राहकों का रुझान बढ़ सकता है। गौरतलब है कि मोटरसाइकिलों पर टैक्स में कटौती उस समय की गई है जब डोनाल्ड ट्रंप फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। कुछ साल पहले, ट्रंप ने हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों पर ऊंची दरों की आलोचना की थी।