मॉब लिंचिंग मामले पर बॉलीवुड हस्तियों का दर्द, 49 सितारों ने पीएम मोदी को लिखा लेटर

1 जनवरी, 2009 से लेकर 29 अक्तूबर, 2018 तक धर्म की पहचान पर आधारित 254 मामले सामने आए।

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2019 8:15 AM IST / Updated: Jul 24 2019, 02:02 PM IST

मुंबई.  मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामलों पर बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने दर्द जाहिर किया है और इसे रोकने के लिए पीएम मोदी को लेटर भी लिखा है। इस लिस्ट में सिनेमा जगत से अनुराग कश्यप, रामचंद्र गुहा, गोपालकृष्णन, अदूर और मणिरत्नम जैसे 49 सितारे शामिल हैं, जिन्होंने मामले पर चिंता जताई है। 

लेटर में लिखा...

49 सितारों ने पत्र में लिखा, "हमारा संविधान भारत को एक सेकुलर गणतंत्र बताता है, जहां हर धर्म, समूह, लिंग, जाति के लोगों को बराबर अधिकार हैं। इसके साथ ही लेटर में मॉब लिंचिंग को रोकने की मांग की गई कि मुसलमानों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की लिंचिंग तुरंत रोकी जाए।" 

लेटर में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को आधार बनाया गया और कहा गया, "1 जनवरी, 2009 से लेकर 29 अक्तूबर, 2018 तक धर्म की पहचान पर आधारित 254 मामले सामने आए। इन 9 सालों में 91 लोगों की हत्या हुई और 579 लोग घायल हुए। लेटर के अनुसार, भारत में मुसलमानों की आबादी 14 फीसदी है और वे ऐसे 62 फीसदी अपराधों के शिकार हो गए। वहीं क्रिश्चियन की आबादी 2 फिसदी है वे ऐसे 14 फीसदी अराधों के शिकार हुए। लेटर में यह भी लिखा गया कि 90 फीसदी अपराध मई 2014 के बाद हुए थे, जब पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी।" 

मॉब लिंचिंग मामले में सजा की मांग

इन हस्तियों ने लेटर में पीएम पर सवाल खड़ा किया, "ऐसा जुर्म करने वालों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए? नरेंद्र मोदी ने लिंचिंग के मामलों की संसद में आलोचना की, लेकिन इतना काफी नहीं है। सितारों का मानना है कि ऐसे अपराध को गैर जमानती बनाया जाए और अपराधियों को ऐसी सजा दी जाए जो मिशाल बन जाए। जब हत्या के मामले में दोषियों को बिना पेरोल के आजीवन कारावास की सजा दी सकती है तो लिंचिंग मामले में क्यों नहीं, जो और भी घृणित अपराध है? हमारे देश में किसी नागरिक को डर और खौफ में रहने की जरूरत नहीं है।"

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