Kangana Ranaut को गिरफ्तारी से नहीं है डर, कातिलाना रूप दिखाते हुए कहा- अभी इस मूड में हूं

कंगना ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक विवादित पोस्ट डाला था। उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'खालिस्तानी आतंकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रही हो, लेकिन उस महिला (इंदिरा गांधी) को नहीं भूलना चाहिए, जिसने अपनी जूती के नीचे इन्हें कुचल दिया था।

मुंबई. कंगना रनौत (Kangana Ranaut) विवादों की क्वीन बनती जा रही हैं। एक के बाद एक वो कंट्रोवर्सियल बयान देकर सुर्खियों में हैं। आजादी भीख में वाले बयान के बाद उन्होने किसान आंदोलन की तुलना खालिस्तान आंदोलन से कर दी। जिसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गये हैं। सिख समुदाय (Sikh Community) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कंगना के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने FIR दर्ज की है।

'पंगा' गर्ल को गिरफ्तारी से नहीं लगता डर
कंगना ने इस एफआईआर का अपने इंस्टाग्राम पर जिक्र किया है। हालांकि 'पंगा' गर्ल को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है। इस बात की तस्दीक उनके इंस्टाग्राम पर पोस्ट करता हैं। अदाकार ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर अपनी एक बोल्ड ड्रेस में तस्वीर साझा की है, जिसमें वह अपने हाथ में वाइन का ग्लास लिए हुए दिखाई दे रही हैं। इसके सात कंगना ने लिखा है, एक और दिन, एक और एफआईआर... अगर वे मुझे गिरफ्तार करने आते हैं... मेरा मूड फिलहाल घर पर कुछ ऐसा ही है। 

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किसान आंदोलन की तुलना खालिस्तान आंदोलन से की
गौरतलब है कि कंगना ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक विवादित पोस्ट डाला था। उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'खालिस्तानी आतंकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रही हो, लेकिन उस महिला (इंदिरा गांधी) को नहीं भूलना चाहिए, जिसने अपनी जूती के नीचे इन्हें कुचल दिया था...उन्होंने इस देश को कितनी भी तकलीफ दी हो… लेकिन अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, मगर देश के टुकड़े नहीं होने दिए, उनकी मृत्यु के दशक के बाद भी, आज भी उसके नाम से कांपते हैं ये, इनको वैसा ही गुरु चाहिए।

मुंबई में दर्ज हुआ केस 
कंगना के इस बयान को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल के आदेश के बाद खार पुलिस स्टेशन में एक्ट्रेस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके साथ ही मुंबई के एक वकील ने भी कंगना के बयानों का विरोध करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

भीख में मिली आजादी का बयान दें फंसी अदाकारा
इससे पहले उन्होंने  1947 में भारत की आजादी को भीख बताया था। इससे भी बवाल मच गया था। इनसे पद्मश्री की वापसी की मांग की गई। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में केस भी दर्ज कराए गए।देशद्रोह का भी केस उनपर दर्ज किया गया। 

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