Good News: 100% सीटिंग के साथ सिनेमाघरों को खोलने की मिली इजाजत, सुरक्षा के होंगे कड़े इंतजाम

सिनेमाघरों में 100 प्रतिशत क्षमता को मिली इजाजत के बाद फिल्म बिजनेस से जुड़े हर शख्स में खुशी की लहर है। जाने-माने ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने अपने इंस्टाग्राम पर ये खुशखबरी दी है। उन्होंने लिखा- बिग एनाउंटसमेंट, सिनेमा/थिएटर/मल्टीप्लेक्स में 100% सीटिंग क्षमता के मिली इजाजत। बता दें कि कोरोना के कारण लंबे समय से सिनेमाघर बंद रहे थे लेकिन अनलॉक के दौरान सिनेमाघरों को खोला तो गया था लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के लिए नियम भी बनाए गए थे। अब सिनेमाघरों को 100 प्रतिशत कैपिसिटी के साथ खोलने की इजाजत मिल गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2021 5:15 AM IST

मुंबई. कोरोना के कारण लंबे समय से सिनेमाघर बंद रहे थे लेकिन अनलॉक के दौरान सिनेमाघरों को खोला तो गया था लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के लिए नियम भी बनाए गए थे। सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक सिनेमाघरों को अधिकतम 50 प्रतिशत सीटों के उपयोग की अनुमति थी यानी थिएटर में पहुंचा हर शख्स एक सीट छोड़कर ही बैठ सकता था। लेकिन अब दर्शकों के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर सामने आई है। सिनेमाघरों को 100 प्रतिशत कैपिसिटी के साथ खोलने की इजाजत मिल गई है। इसका मतलब है कि अब थिएटर्स में हर सीट पर ही लोगों के लिए बैठने की व्यस्था होगी।


सिनेमाघरों में 100 प्रतिशत क्षमता को मिली इजाजत के बाद फिल्म बिजनेस से जुड़े हर शख्स में खुशी की लहर है। जाने-माने ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने अपने इंस्टाग्राम पर ये खुशखबरी दी है। उन्होंने लिखा- बिग एनाउंटसमेंट, सिनेमा/थिएटर/मल्टीप्लेक्स में 100% सीटिंग क्षमता के मिली इजाजत। 

सिनेमाघरों में अपने साथ ला सकते हैं खाने का सामान, मल्टीप्लेक्स को रोकने का  अधिकार नहीं | Zee Business Hindi
हालांकि, इसके साथ सुरक्षा और सतर्कता में भी सावधानी बरती जाएगी। इसके लिए कुछ गाइडलाइन्स भी सामने आई हैं। जैसे 6 फीट की सोशल डिस्टेंसिंग रखनी और मास्क पहनना अनिवर्य करना, सैनेटाइजर हर जगह उपलब्ध रखना और आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल अनिवार्य जैसी गाइडलाइन्स सिनेमाघरों को फॉलो करनी होंगी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 अक्टूबर को मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों को सख्त मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के साथ फिर से खोलने की अनुमति दी थी। गृह मंत्रालय ने विशिष्ट स्थितियों के आधार पर इस मामले पर अंतिम निर्णय लेने के लिए राज्यों को छूट दी थी।

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