Lata Mangeshkar ने गीतों के गिरते स्तर पर जताई थी चिंता,लिरिक्स में इस शब्द को देखकर गाने से कर दिया था इंकार

उन्होंने कहा था कि संगीत अश्लील नहीं होता, शब्द अश्लील होता है। लता मंगेशकर पर आधारित किताब 'ऐसा कहां से लाउं’ में इस वाकये का उल्लेख किया गया है। 70 के दशक में शंकर जयकिशन के एक गाने में एक शब्द को देखकर उन्होंने गाना गाने से इंकार कर दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2022 8:57 AM IST / Updated: Feb 06 2022, 03:20 PM IST

मुंबई. स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब हमारे बीच नहीं रहीं। 6 फरवरी की सुबह उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांसे ली। 92 साल के लता मंगेशकर का निधन मल्टीपल ऑर्गेन फेल होने की वजह  से हुआ। 8 जनवरी को कोरोना संक्रमण के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब एक महीने तक उनका इलाज चला, लेकिन लता दीदी इस बार हमारे बीच नहीं लौटीं। 70 दशकों से भी ज्यादा वक्त तक लता दीदी अपने सुरों के जादू से करोड़ों लोगों के दिलों पर राज किया। लेकिन इधर बीच गीतों के गिरते स्तर को देख वो बहुत दुखी हुईं थी। उन्होंने इस पर चिंता जताई थी। 

उन्होंने कहा था कि संगीत अश्लील नहीं होता, शब्द अश्लील होता है। लता मंगेशकर पर आधारित किताब 'ऐसा कहां से लाउं’ में इस वाकये का उल्लेख किया गया है। 70 के दशक में शंकर जयकिशन के साथ ‘आंखों आंखों में ’ के एक गीत की रिकॉर्डिंग थी, लेकिन लता ने गाने में ‘चोली’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने गाने से भी इनकार कर दिया था। फिल्म निर्माता को गाने के बोल बदलवाने पड़ गए। लता मंगेशकर ने अपने बनाये मानदंडों के साथ कभी समझौता नहीं किया।

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कवियों को गीत का बोल चुनते वक्त बरतनी चाहिए सावधानी

स्वर कोकिला ने कहा कि कवियों को गीत के बोल चुनते समय सावधानी बरतनी चाहिए। एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था कि जहां तक बन पड़ता है, मैं अश्लील गीत नहीं गाती। लेकिन मैं दूसरों को कैसे रोक सकती हूं। 

आज की पीढ़ी में नहीं है ऐसे लोग

अपने दौर के कलाकारों की मुरीद लता मंगेशकर ने कहा था कि रफी साहब निहायत मुहज्जब आदमी हैं। कम बोलना उनकी आदत में शुमार था। मैंने कितने अच्छे कलाकारों के साथ काम किया। गीतादत्त, गौहरबाई, शमशाद बेगम, राजकुमारी और भी कई। कितने सादे लोग थे, लेकिन आज की पीढ़ी में वैसे लोग नहीं हैं।

गानों के जरिए धड़केंगी हमारे दिलों में लता दीदी

लता मंगेशकर भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन 30 हजार से ज्यादा गाए गए गानों में हम उनकी धड़कनों को हमेशा सुन सकते हैं। लता दीदी के जाने से संगीत की दुनिया में एक ऐसा खालीपन आ गया है जो कभी भरेगा नहीं।

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