भाई-बहनों ने बताया- पिताजी की मौत के बाद Lata Mangeshkar ने कैसे संभाला घर, कैसे की हमारी परवरिश

Published : Feb 06, 2022, 11:10 AM IST
भाई-बहनों ने बताया- पिताजी की मौत के बाद Lata Mangeshkar ने कैसे संभाला घर, कैसे की हमारी परवरिश

सार

'पिताजी के जाने के बाद दीदी पर घर का पूरा बोझ आ गया। तब लता दीदी ने मास्टर विनायकराव कर्नाटकी की कंपनी नवयुग ज्वाइन किया। लता दी किस तरह हम लोगों की परवरिश कर रही थीं, यह या तो मां जानती थी या फिर दीदी।'

नई दिल्ली। लता मंगेशकर ने घर की जिम्मेदारी बचपन से ही संभाल ली थी। पांच भाई-बहनों में लता जी सबसे बड़ी थीं। वर्ष 1942 में वह करीब 12 साल की थीं, तब पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। परिवार की जिम्मेदारी इस कम उम्र में ही उनके कंधों पर आ गई। लता जी की बहनें और भाई सभी उनकी बेहद इज्जत करते हैं। आइए जानते हैं कि इन चार भाई-बहन (मीना, आशा, उषा और ह्रदयनाथ मंगेशकर) के मन में लता जी के लिए क्या और कितना सम्मान है। 

मीना के मुताबिक, बहुत कम उम्र में पिताजी हम सभी छोड़कर चले गए। लता दीदी तब 12 साल की थीं। मैं दस साल की थी, इसके बाद आशा, उषा और ह्रदयनाथ। पिताजी के जाने के बाद दीदी पर घर का पूरा बोझ आ गया। तब दीदी ने मास्टर विनायकराव कर्नाटकी की कंपनी नवयुग ज्वाइन किया। लता दी किस तरह हम लोगों की परवरिश कर रही थीं, यह या तो मां जानती थी या फिर दीदी। हम सब बहुत परेशानी में थे। हमें उन्होंने कभी महसूस नहीं होने दिया। 

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दीदी ने कभी हम पर हुकुम नहीं चलाया 
लता दी बचपन में बहुत चंचल थीं। हम लकड़ी की गुड़िया लाते और रंगरोगन करते। देवदास के कैरेक्टर पर नाटक खेलते। हमारा बचपन अच्छा बीता। उन्होंने हम पर कभी अपना हुकुम नहीं चलाया। कभी अपनी मर्जी नहीं थोपी। दीदी हम लोगों के खिलाफ कभी नहीं गईं। दीदी घर की परेशानियों के साथ-साथ बाहर की समस्याओं से भी जूझती थीं। उन्होंने कभी हमें जताया नहीं और बताया भी नहीं। 

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लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में हुआ था। वह पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था। वह शास्त्रीय संगीतज्ञ और रंगमंच के मशहूर कलाकार थे। उनका देहांत वर्ष 1942 में हुआ था। इसके बाद बहन मीना, उषा और आशा तथा भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर की परवरिश की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। लता मंगेशकर ने करीब 30 हजार फिल्मों में गाना गया था। उन्हेंने अंतिम गाना वर्ष 2011 में सतरंगी पैराशूट गाया था। उन्होंने दस फिल्मों में गाना गाया, जिसमें बड़ी मां, जीवन यात्रा जैसी मशहूर फिल्में भी शामिल हैं। 

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