लता मंगेशकर के इंदौर से लाखों प्रशंसक हैं। क्योंकि उनको अपनी जन्मस्थली से बेहद लगाव था। अगर उनसे मिलने के लिए इंदौर से कोई भी जाता तो वह अपने शहर के हालचाल जरुर पूछती थीं। अब शहरवासी उनकी याद में आंसू बहा रहे हैं।
इंदौर (मध्य प्रदेश). स्वर कोकिला और मशहूर गायिका लता मंगेशकर का आज रविवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। खबर मिलते ही देश-दुनिया के साथ ही उनके जन्मस्थान इंदौर में शोक फैल गया है। अब शहरवासी उनकी याद में आंसू बहा रहे हैं। क्योंकि इंदौर में उनके स्वास्थ्य की कामना की जा रही थी। करोड़ों दिलों पर अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली लता मंगेशकर ने 7 साल की उम्र में अपने इंदौरवासियों के लिए प्रस्तुति दी थी। इस शो की टिकट डेढ़ रुपयए से 25 रुपये तक रखी गई थी।
लता जी के साथ बहन और भाई ने भी दी प्रस्तुति
दरअसल, सात साल की उम्र तक इंदौर में रहने वाली लता जी की इंदौर में पहली प्रस्तुति अखिल भारतीय कृषि एवं उद्योग प्रदर्शनी में हुई थी। जिसके लिए टिकट दर डेढ़ रुपए से लेकर 25 रुपए तक थी। बताया जाता है कि उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर की पुण्यतिथि पर लता के भाई ह्दयनाथ मंगेशकर और बहन उषा मंगेशकर ने भी इसी मंच से प्रस्तुति दी थी।
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इंदौरवासियों से पूछती थीं एक ही सवाल
बता दें कि लता मंगेशकर के इंदौर से लाखों प्रशंसक हैं। क्योंकि उनको अपनी जन्मस्थली से बेहद लगाव था। अगर उनसे मिलने के लिए इंदौर से कोई भी जाता तो वह अपने शहर के हालचाल जरुर पूछती थीं। वह कहती थीं कि इंदौर का सराफा बदला या फिर वैसा ही है। क्योंकि यहां पर फेमस फूड स्ट्रीट जो अपने स्वाद और अंदाज के लिए पूरे देश में जाना जाता है। लता जी भी यहां खाने के लिए जाया करती थीं।
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जिस घर में हुआ था जन्म, वहां अब कपड़ों का शोरूम
भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर शहर में हुआ था। इसीलिए उनका यहां से गहरा लगाव भी था। जब लता जी का परिवार इंदौर से चला गया तो उनके घर को एक मुस्लिम परिवार ने खरीद लिया। कुछ समय तक मुस्लिम परिवार यहां रहा और फिर इसे बलवंत सिंह नाम के शख्स को बेच दिया। यह परिवार भी यहां काफी समय तक रहा और उसने भी इस घर को मेहता परिवार को सौंप दिया। जिसके बाद घर के बाहरी हिस्से में कपड़े का शोरूम खोला गया। इस शो-रूम का संचालन नितिन मेहता और स्नेहल मेहता करते हैं।
इंदौर के इन फूड की दीवानी थी लता जी
कहा जाता है कि आवाज की फिटनेस के लिए लता जी बबल गम खाती रहती थीं लेकिन उन्हें जलेबी बहुत पसंद थी। लता जी अक्सर इंदौर आया करती थीं और उन्हें यहां के सराफा की खाऊ गली के गुलाब जाबुन, रबड़ी और दही बडे़ काफी पसंद थे। चाट गली और सराफा वे आती थीं और लोगों से घुल-मिल जाती थीं।
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