फटा कुर्ता, बढ़ी दाढ़ी: करियर फ्लॉप होने के बाद अमिताभ बच्चन की हो गई थी ऐसी हालत

आपको जानकर हैरानी होगी कि रेखा के साथ अमिताभ की दोस्ती "रेशमा और शेरा" के ज़माने से थी, तब वे जया बच्चन को भी नहीं जानते थे। इसमें अमिताभ के नब्बे के दशक तक की कहानी है। जब यह एक्टर बोफ़ोर्स का दाग लेकर राजनीति को अलविदा कह चुका था।

मुंबई. अमिताभ बच्चन पर अब तक इतना कुछ लिखा जा चुका है कि उनके बारे में शायद ही कोई ऐसी बात हो जो तमाम लोगों को अब तक पता न हो। पिछले कई दशक से सिनेमा पर राज करने वाले बिग बी की शख्सियत ही कुछ ऐसी है। एक अभिनेता, होस्ट और इंसान के तौर पर अमिताभ हमेशा प्रभावित करते नजर आए हैं।

लेकिन अमिताभ बच्चन के जीवन का तमाम हिस्सा ऐसा भी है जिसके बारे में लोगों की दिलचस्पी आज भी बरकरार है।
जैसे की अमिताभ बच्चन पर बहुत कुछ लिखा गया मगर उनके ऊपर आई एक किताब में कई चौकाने वाली बातें हैं। मजेदार बात यह है कि ये किताब हिन्दी या अंग्रेजी में न होकर बंगाली में है। इसे अभी संसद कवर करने वाले एक सीनियर जर्नलिस्ट ने लिखा है।

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संसद में हुई पत्रकार से दोस्ती

महानायक की यह बेहद दिलचस्प जीवनी है। इसे लिखने वाले पत्रकार का नाम सौम्य बंधोपाध्याय है। सौम्य पहली मुलाक़ात के दिनों में बांग्ला अखबार के लिए दिल्ली ब्यूरो में  काम किया कराते थे। उनकी बीट संसद थी। सौम्य और अमिताभ की मुलाक़ात महानायक के इलाहाबाद से कांग्रेस का सांसद बनने के बाद लोकसभा में ही हुई थी। दरअसल, उनकी सीट प्रेस दीर्घा में जहां थी महानायक उसके सामने ही बैठा करते थे।

किताब में रेखा के हवाले से जीवनी

शुरू-शुरू की देखा देखी दोस्ती में बदली और इसका कुल जमा साबित हुई अमिताभ की पहली जीवनी। दोस्ती का ये सिलसिला लंबे वक्त तक कायम रहा। सौम्य शूटिंग के वक्त भी अमिताभ के साथ रहा करते रहते थे। उनके जीवन की दास्तान सुनते थे। मजेदार यह भी है कि इस किताब में तीन लोगों की जुबानी भी अमिताभ के जीवन को बताया गया है। ये लोग हैं, मिथुन चक्रवर्ती, शत्रुघ्न सिन्हा और रेखा। रेखा, जिनके साथ अमिताभ बच्चन का प्रेम प्रसंग आज भी चर्चा का विषय बना रहता है। खुद अमिताभ ने सौम्य को इन तीनों लोगों से बात करने के लिए कहा था।

बुरे दौर में ऐसे हो गए थे अमिताभ

किताब में अमिताभ के दूसरे सहकर्मियों से भी बातचीत है जिनके साथ वे कोलकाता में नौकरी करते थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि रेखा के साथ अमिताभ की दोस्ती "रेशमा और शेरा" के ज़माने से थी, तब वे जया बच्चन को भी नहीं जानते थे। इसमें अमिताभ के नब्बे के दशक तक की कहानी है। जब यह एक्टर बोफ़ोर्स का दाग लेकर राजनीति को अलविदा कह चुका था। उनका फिल्मी करियर बुरी तरह बिखर रहा था। सौम्य ने लिखा है कि, "एक दिन उन्होंने देखा कि जब अमिताभ घर से निकले तो उन्होंने ध्यान दिया कि उनकी दाढ़ी भी ठीक से नहीं बनी हुई थी। उन्होंने जो कुर्ता पहन रखा था वह नीचे से फटा हुआ था।"

हालांकि बाद में अमिताभ ने वापसी की। उन्हें वो दो काम करने पड़े, जिसे लेकर उन्होंने किताब में कहा था कि कभी नहीं करेंगे। ये दो काम थे, विज्ञापन और टीवी पर काम नहीं करना। बताने की जरूरत नहीं कि बाद में इन्हीं दो कामों ने अमिताभ के तबाह हो चुके करियर को संभाला। आज की तारीख में अमिताभ विज्ञापन जगत का सबसे भरोसेमंद चेहरा हैं। जबकि केबीसी के जरिए वह बतौर होस्ट टीवी के सबसे बड़े नाम बन गए हैं। 

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