साउथ और बॉलीवुड फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत हाल-फिलहाल राजनीति में एंट्री नहीं लेंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना महामारी और उनकी सेहत बताई जा रही है। ट्रेड एनालिस्ट रमेश बाला ने अपने ट्वीट में यह जानकारी देते हुए लिखा- आज की हॉट न्यूज। कई मीडिया आउटलेट्स कह रहे हैं कि सुपरस्टार रजनीकांत ने अपने सलाहकारों को एक इंटरनल नोट लिखा है कि कोरोना और अपनी सेहत की वजह से वे राजनीति में एंट्री नहीं ले सकते।
मुंबई. साउथ और बॉलीवुड फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत (rajinikanth) हाल-फिलहाल राजनीति में एंट्री नहीं लेंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना महामारी और उनकी सेहत बताई जा रही है। ट्रेड एनालिस्ट रमेश बाला ने अपने ट्वीट में यह जानकारी देते हुए लिखा- आज की हॉट न्यूज। कई मीडिया आउटलेट्स कह रहे हैं कि सुपरस्टार रजनीकांत ने अपने सलाहकारों को एक इंटरनल नोट लिखा है कि कोरोना और अपनी सेहत की वजह से वे राजनीति में एंट्री नहीं ले सकते। महामारी में पोंगल पर पार्टी लॉन्च करना मुश्किल लग रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में रजनीकांत के करीबी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि उन्होंने अपने स्टेटमेंट में सेहत का हवाला दिया है। वे कोरोना काल में कोई चांस नहीं लेना चाहते। लेटर में यह भी कहा गया है कि रजनी के डॉक्टर्स ने भी कोविड-19 की वैक्सीन आने से पहले उन्हें राजनीति में एक्टिव न होने की सलाह दी है।
रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने अपने इंटरनल नोट में लिखा है- मुझे अपनी जिंदगी की परवाह नहीं है। मैं लोगों की सेहत को लेकर चिंतित हूं। मैंने राजनीतिक बदलाव लाने का वादा किया था। मुझे राजनीति में एक्टिव होना था। इस बीच अगर मेरा स्वास्थ्य बिगड़ता है तो राजनीतिक प्रक्रिया में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इस रिपोर्ट की मानें तो राजनीति में आने का विचार उन्होंने पूरी तरह से नहीं छोड़ा है। उन्होंने आगे लिखा- अगर मुझे इसका फायदा उठाना है तो मुझे इसे 15 जनवरी से पहले ही लॉन्च करना होगा और अपना फैसला दिसंबर में सुनाना होगा। मैं यह अपने फैन्स और जनता पर छोड़ता हूं कि वे उस समय की मौजूदा परिस्थतियों के आधार पर तय करें कि मुझे क्या करना चाहिए? जनता का फैसला, भगवान का फैसला। जय हिंद।
एक अन्य सूत्र का कहना है कि यह लेटर रजनी के दोस्तों और सहयोगियों के बीच फीडबैक लेने के लिए सर्कुलेट किया गया था, जो किसी ने लीक कर दिया। इस वजह से वे नाराज भी हैं। हालांकि, उनकी ओर से लेटर में किए गए इशारे पर कोई खंडन नहीं आया है। एक रिपोर्ट की मानें तो उन पर भाजपा की ओर से बहुत दबाव था और उन्होंने ये कदम उठाया ताकि वे देख सकें कि भाजपा और एआईएडीएमके का गठबंधन होने के बाद दबाव कम होता है या नहीं। चार बार विधायक रहे दलित नेता से कु तमिलारासन ने रजनी के लेटर पर रिएक्ट करते हुए कहा- हमें यकीन नहीं कि यह स्टेटमेंट उनका है। अगर है तो उनकी सेहत को देखते हुए शुभचिंतकों को उनके स्टैंड का सम्मान करना चाहिए।