11 दिसंबर को स्वर्गीय दिलीप कुमार की 99वीं जयंती होगी। लंबी बीमारी के बाद अपनी प्यारी पत्नी सायरा बानो, परिवार और फैंस के आंखों में आंसू छोड़कर ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार 7 जुलाई 2021 को अंतिम सांस ली थी।
मुंबई. दशकों तक सिनेमा के जरिए हम सबका मनोरंजन करने वाले दिलीप कुमार (Dilip Kumar) हमारे बीच भले ही ना हो, लेकिन उनकी यादें हम सबके के अंदर किसी ना किसी रूप में समाया हुआ है। 11 दिसंबर को स्वर्गीय दिलीप कुमार की 99वीं जयंती होगी। लंबी बीमारी के बाद अपनी प्यारी पत्नी सायरा बानो, परिवार और फैंस के आंखों में आंसू छोड़कर ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार 7 जुलाई 2021 को अंतिम सांस ली थी। उनके निधन के बाद अभिनेता का यह पहला जन्मदिन होगा। इनकी नहीं होने की कमी बॉलीवुड बेहद खलने वाली है। सबसे ज्यादा तो उनसे बेपनाह मोहब्बत करने वाली सायरा बानो (saira banu) को होगी।
दिलीप कुमार की जयंती से पहले सायरा बानो ने ईटाइम्स को इमोशनल कर देने वाला खत लिखा। जिसमें उन्होंने दिवंगत पति और अभिनेता के बचपन और परिवार की जानकारी साझा की। उन्होंने दिलीप साहब के जन्म का पत्र में कुछ इस तरह जिक्र किया, '11 दिसंबर, 1922। पेशावर, पूर्व-विभाजन भारत में उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत। 11 दिसंबर की कड़कड़ाती ठंडी रात में, जब पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में ठंडी हवाओं के झोंके से भीषण सर्दी भड़क रही थी, मेरी जान , यूसुफ साहब, पेशावर के एक प्रमुख फल व्यापारी मोहम्मद सरवर खान की खूबसूरत पत्नी आयशा बेगम के चौथे बच्चे के रूप में पैदा हुए थे। इस साल 11 दिसंबर को, जो कल है, उनका 99वां जन्मदिन होगा।'
दिलीप साहब को गर्व था कि उनका जन्म अविभाजित भारत में हुआ
उन्होंने आगे लिखा, ' हम और सारे फैंस उनका जन्मदिन शांतिपूर्ण तरीके से मनाएंगे और ये मानेंगे कि वे हमारे बीच ही हैं। दिलीप साहब को इस बात का काफी गर्व था कि उनका जन्म अविभाजित भारत में हुआ और एक ज्वाइंट फैमिली में हुआ। अपनी खुद की नजरों में वे एक बेहद साधारण शख्स थे जो अपने परिवार के साथ रहता था। नौकरी करता था। इससे ज्यादा कुछ नहीं। वे कभी भी अपने आप को किसी भगवान की तरह नहीं मानते थे जैसा उनके फैंस उन्हें कह कर संबोधित करते थे।'
दिलीप साहब से तालमेल बिठाने में सायरा बानो को कोई दिक्कत नहीं हुई
सुपरहिट एक्ट्रेस रह चुकी सायरा बानो ने आगे लिखा, 'जब साहेब से मेरी शादी हो गई उसके बाद मुझे जीवन के साथ तालमेल बनाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। वक्त-बेवक्त साहेब के दोस्त और चाहनेवाले आते रहते थे और मुझे उनकी खातिर करने में अच्छा लगता था। सच्चे पठान की शैली में स्वागत होता था। हमारे जीवन के जितने भी स्पेशल मौके रहे हैं हमेशा दोस्तों और फैंस से भरे रहे हैं। शानदार साज-सजावट, हर तरफ कैंडल लाइट्स, ईद हो या दीवाली। भले ही इस सालगिरह के मौके पर दिलीप साहेब से मेरी बातचीत नहीं हो पाई मगर मुझे पता है कि वे हमारे साथ थे, हैं और हमेशा रहेंगे।'
सायरा के दिलीप हर पल उनके साथ हैं
उन्होंने आगे लिखा, 'साहेब के फिल्म उद्योग और हमारे समुदाय के बाहर और भी दोस्त थे, जिन्होंने जन्मदिन, सालगिरह, ईद, दिवाली, क्रिसमस आदि अवसरों पर घर आकर सरप्राइज देते थे।' इसके साथ ही दो महीने (11 अक्टूबर) पहले मनाए गए मैरेज एनिवर्सरी को लेकर उन्होंने कहा कि वो हमारे साथ थे, मेरा हाथ पकड़ा और बिना शब्दों के मुझसे संवाद किया। एक बार फिर मुझे पता है कि मैं अभी और हमेशा के लिए अकेली नहीं हूं। जन्मदिन मुबारक हो, जान।
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