टाइटन के ज्वैलरी ब्रैंड तनिष्क का एक बार फिर जमकर विरोध हो रहा है। दरअसल 'लव जिहाद' को लेकर मचे भारी बवाल के बाद 'एकत्वम' अभियान का विज्ञापन हटाने को मजबूर हुए तनिष्क को अब दिवाली का भी विज्ञापन सोशल मीडिया पर विरोध की वजह से वापस लेना पड़ा है। 'एकत्वम' कैम्पेन के तहत ही जारी इस विज्ञापन में नीना गुप्ता, सयानी गुप्ता, निमरत कौर और अलाया फर्नीचरवाला ने काम किया है।
मुंबई। ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क (Tanishq) को एक बार फिर लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, हाल ही में तनिष्क ने अपना नया विज्ञापन जारी किया है लेकिन अब उसे लेकर भी विवाद हो गया है। तनिष्क ने अपना नया विज्ञापन एकत्वम ब्रांड के लिए जारी किया। इस विज्ञापन में बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता, निमरत कौर, सयानी गुप्ता और अलाया फर्नीचरवाला एकता का संदेश देती हुई नजर आ रही हैं। साथ ही इस विज्ञापन में यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना के दौर में कैसे दिवाली मनाएं। हालांकि तनिष्क की ओर से जारी यह विज्ञापन भी जनता के निशाने पर आ गया है। विरोध के चलते तनिष्क को अब दिवाली का भी विज्ञापन वापस लेना पड़ा है। इस वजह से हो रही तनिष्क के विज्ञापन की आलोचना...
सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि अब तनिष्क का विज्ञापन उन्हें बताएगा कि वह कैसे दिवाली का त्योहार मनाएं। कर्नाटक के बीजेपी विधायक सीटी रवि ने ट्विटर पर तनिष्क की आलोचना की है। साथ ही कहा कि कंपनी अपना प्रोडक्ट बेचने पर ध्यान दे लोगों को यह न सिखाए कि पटाखों से कैसे बचा जाए। हम लाइट जलाएंगे, मिठाइयां बांटेंगे और ग्रीन पटाखे भी जलाएंगे।
एक सोशल मीडिया यूजर ने सीटी रवि के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, #boycotttanishq क्या आप हमें सिखाओगे कि हम कैसे दिवाली मनाएं?' वहीं, कश्मीरी पंडित नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा- इस दिवाली एकजुट हों और धर्म के दुश्मनों का बहिष्कार करें। इनके अलावा और भी कई सोशल मीडिया यूजर्स ने तनिष्क ने नए विज्ञापन की आलोचना की है।
बता दें कि तनिष्क के पुराने विज्ञापन में एक हिंदू महिला को मुस्लिम परिवार की बहू दिखाया गया था। एक गर्भवती महिला को सास के साथ गोदभराई की रस्म करते दिखाया गया था। महिला कहती है, आपके यहां तो ये परंपरा होती भी नहीं है। इस पर सास कहती है, लेकिन बेटियों को खुश रखने का रिवाज तो हर घर में होता है। ज्वॉइंट फैमिली को दिखाने वाले सीन में हिजाब में एक महिला, कुछ औरतों को साड़ी व पुरुषों को सिर पर टोपी लगाए दिखाया गया था। इस विज्ञापन पर कुछ लोगों ने लव जिहाद और फर्जी सेकुलरिज्म के आरोप भी लगाए थे। इसके बाद कंपनी को वह विज्ञापन वापस लेना पड़ा था।