
नई दिल्ली। कई एक्सपर्ट्स यह मानकर चल रहे थे कि कोरोना वायरस की महामारी का सबसे मुश्किल दौर खत्म होने की ओर है। हालांकि इस महामारी की वजह से न सिर्फ लोगों ने अपनी जिंदगी गंवाई बल्कि बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान भी हुए। अब महामारी से हुए आर्थिक नुकसान का असर दूसरे स्तर पर जाता आ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की लेबर यूनिट आईएलओ ने महामारी के कारण नौकरियों के खत्म होने का अनुमान लगाया है। आईएलओ के मुताबिक अप्रैल से जून 2020 के दौरान तीन महीने के अंदर करीब 30.5 करोड़ लोगों की पूर्णकालिक नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
आईएलओ ने क्या अनुमान लगाया?
आईएलओ ने इससे पहले भी अनुमान लगाया था जिसमें महामारी की वजह से 2020 की जून तिमाही में हर हफ्ते औसतन 48 घंटे की कार्यअवधि वाले 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नौकरियों के नुकसान की आशंका जताई गई थी। आईएलओ ने कहा है कि महामारी पर काबू पाने के लिए दुनियाभर के तमाम हिस्सों में लॉकडाउन बढ़ाए जाने से उसे अनुमान में संशोधन करना पड़ा।
दुनियाभर की हालत खराब
बताने की जरूरत नहीं कि दुनिया कोरोना संक्रमण की वजह से दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की हालत काफी खराब है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। कई इलाकों में लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्शन ठप पड़ा है। मांग और आपूर्ति पर बुरा असर नजर आ रहा है।
(प्रतीकात्मक फोटो)