रिजर्व बैंक ने छह फरवरी की घोषणा के बाद 10 फरवरी को साफ किया कि सीआरआर से यह छूट या तो ऋण की शुरुआत से पांच साल तक या ऋण की परिपक्वता अवधि तक मिलेगी। यदि ऋण की परिपक्वता अवधि पांच साल से अधिक हुई तो यह छूट पांच साल के लिये ही मान्य होगी।
मुंबई. रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों को ऋण वितरण पर आरक्षित नकद अनुपात (सीआरआर) से छूट देने के अपने हाल के निर्णय पर स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा कि यह सुविधा खुदरा क्षेत्र की तीन श्रेणियों --आवास, वाहन और एमएसएमई-- को दिये जाने वाले रिण विस्तार पर ही लागू होगी।
CRR से यह छूट लोन की शुरुआत से पांच साल तक
रिजर्व बैंक ने खुदरा क्षेत्र को दिये जाने वाले ऋण को बढ़ाने के लिये छह फरवरी पेश मौद्रिक समीक्षा में कहा था कि वाहन, आवास तथा एमएसएमई ऋण में कर्ज की मूल राशि के ऊपर नया कर्ज दिया जाता है तो इस पर बढ़ी राशि को सीआरआर से छूट देने की घोषणा की थी। इसका अर्थ यह हुआ कि कर्ज की राशि में इस तरह से हुई वृद्धि के एवज में बैंकों को सीआरआर के तौर पर चार प्रतिशत की अनिवार्य राशि अलग रखने की जरूरत नहीं होगी। बैंकों को अपनी कुल जमा राशि में चार प्रतिशत राशि सीआरआर के तौर पर रिजर्व बैंक में रखनी होती है। इस राशि पर उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलता है।
रिजर्व बैंक ने छह फरवरी की घोषणा के बाद 10 फरवरी को साफ किया कि सीआरआर से यह छूट या तो ऋण की शुरुआत से पांच साल तक या ऋण की परिपक्वता अवधि तक मिलेगी। यदि ऋण की परिपक्वता अवधि पांच साल से अधिक हुई तो यह छूट पांच साल के लिये ही मान्य होगी।
कुछ बैंकों ने रिजर्व बैंक द्वारा बताई गई तीन खुदरा श्रेणियों के कर्ज में विस्तार की राशि को सीआरआर से मिलने वाली छूट की गणना को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की थी।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)