कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर भारत में विदेशी निवेश पर भी पड़ा है। कारोबार और बाजार की हालत कमजोर होने की वजह से विदेशी निवेशकों ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए 5 अरब डॉलर (करीब 37,500 करोड़) की रकम निकाल ली है।
बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर भारत में विदेशी निवेश पर भी पड़ा है। कारोबार और बाजार की हालत कमजोर होने की वजह से विदेशी निवेशकों ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए 5 अरब डॉलर (करीब 37,500 करोड़) की रकम निकाल ली है। विदेशी निवेशकों ने मार्च में खत्म हुई तिमाही में भारतीय शेयर बाजार में जम कर बिकवाली की।
ईटीफ के जरिए करते हैं निवेश
विदेशी निवेशक भारत केंद्रित विदेशी फंड और ईटीएफ ( एक्सचेंज ट्रेडेड फंड ) के जरिए भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते हैं। जानकारी के मुताबिक, दिसंबर की तिमाही में भारत स्थित फंड्स से से 2.1 अरब डॉलर की बिकवाली हुई थी। मार्च की तिमाही लगातार आठवीं ऐसी तिमाही रही है, जिसमें विदेशी फंड्स की बिकवाली सबसे ज्यादा हुई।
विदेशी निवेशक क्यों निकाल रहे रकम
मार्च तिमाही में विदेशी फंड्स से 3.6 अरब डॉलर की निकासी की गई, जबकि विदेशी ईटीएफ के जरिए 1.4 अरब डॉलर की रकम निकाली गई। दरअसल, विदेशी निवेशक कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन की वजह से पैदा हुई असुरक्षा के चलते अपना पैसा निकाल रहे हैं। वैसे, बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले भी हालात अच्छे नहीं थे और मार्केट में सुस्ती छाई थी।
डेट मार्केट से भी निकाले पैसे
विदेशी निवेशक ऑफशोर या विदेशी फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश करते हैं। यह फंड भारत में नहीं होता, बल्कि विदेशियों के निवेश का एक जरिया होता है। जानकारी के मुताबिक, मार्च तिमाही में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 6.4 अरब डॉलर और भारतीय डेट बाजार से 9.5 अरब डॉलर निकाल लिए। करीब 80 फीसदी डेट शेयर बाजार में लिस्टेड हैं, जहां आम निवेशक खरीददारी कर सकते हैं। भारतीय कॉरपोरेट डेट मार्केट को काफी जोखिम भरा माना जाता है।