वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त के बारे में देश को बताया। इसमें प्रवासी मजूदूरों से लेकिर किसान और रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले लोगों के लिए 9 बड़े ऐलान किए गए। इन्हीं 9 ऐलानों में से एक ऐलान है 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना।
नई दिल्ली. देश में लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुए हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राहत पैकेज का ऐलान किया था। और साथ ही कहा था कि वित्त मंत्री इससे पैकेज के बारे में विस्तार से बताएंगी। इसी कड़ी में गुरूवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त के बारे में देश को बताया। इसमें प्रवासी मजूदूरों से लेकिर किसान और रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले लोगों के लिए 9 बड़े ऐलान किए गए। इन्हीं 9 ऐलानों में से एक ऐलान है 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना। इससे 83% आवादी को कवर किया जाएगा। इन्हें अगस्त 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत लाया जाएगा। हालांकि सरकार ने इसे 100 फीसद तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। जिसे मार्च 2021 में पूरा किया जा सकता है।
क्या है योजना ?
पहले जहां हमें राशन के लिए अपने-अपने राज्य के राशन कार्ड मिलते थे जिससे हम दूसरे राज्यों में लाभ नहीं ले सकते थे। लेकिन अब इस राशन कार्ड से आप देश के किसी भी राज्य में राशन की खरीद कर सकते हैं। इसमें राशन कार्ड वहीं रहेगा पर अब आप इसका इस्तेमाल कही भी कर सकते हैं। पहले यह गृह राज्य तक ही समित रहता था।
सरकार का दावा
सरकार ने इस योजना को लागू करते ही बताया कि इससे भ्रष्टाचार और फर्जी राशन कार्ड में कमी आएगी। पहले लोग राशन खरीदने के लिए फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनवाते थे। वहीं अब किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होने से वह एक ही कार्ड से कही भी राशन खरीद पाएगा। जैसे अगर कोई व्यक्ति मप्र का है वह काम करने के लिए हरियाणा गया। तो वहां वह अपने गृह राज्य का राशन कार्ड पहले इस्तेमाल नहीं कर सकता था। ऐसे में लोग राशन पाने के लिए फर्जी तरीके से स्थानीय राज्य का राशन कार्ड बनवाते थे। वहीं अब एक ही राशन कार्ड से आप देश के अन्य राज्यों में भी राशन ले सकते हैं। इससे लोगों की परेशानी भी कम होगी और गलत तरीके से राशन लेने का झंझट भी खत्म हो जाएगा।
इन राज्यों ने किया लागू
पहले जहां कहा जा रहा था कि इस योजना को 1 जनू 2020 से देशभर में लागू किया जाएगा। वहीं अब इसे देश के 17 राज्यों में लागू कर दिया गया है। इसे लागू करने वाले राज्यों में है- उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश,तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल हैं। योजना के लागू हो जाने के बाद गरीबों को काफी मदद मिलने की उम्मद है।