Cow Science Exam: 25 फरवरी को होने वाली कामधेनु गौ-विज्ञान परीक्षा स्थगित, 5 लाख लिखेंगे गाय पर निबंध

परीक्षा का आयोजन सरकार द्वारा गौवंश के संरक्षण, सुरक्षा और विकास के लिए फरवरी 2019 में बनाए गए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा किया जाना है। इसमें लाखों स्टूडेंट्स भाग लेने वाले हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2021 7:18 AM IST / Updated: Feb 23 2021, 05:33 PM IST

करियर डेस्क. Cow Science Exam Postponed: राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली ‘गौ विज्ञान’ (Cow Science) की ऑनलाइन परीक्षा फिलहाल स्थगित कर दी गई है। यह परीक्षा 25 फरवरी को होने वाली थी। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, 21 फरवरी 2021 को होने वाले मॉक टेस्ट और 25 फरवरी 2021 को होने वाली कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार एग्जाम/प्रतियोगिता को स्थगित कर दिया गया है।

परीक्षा की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। परीक्षा का आयोजन सरकार द्वारा गौवंश के संरक्षण, सुरक्षा और विकास के लिए फरवरी 2019 में बनाए गए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग द्वारा किया जाना है।

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5 लाख लोग देंगे परीक्षा

इसमें लाखों स्टूडेंट्स भाग लेने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘गौ विज्ञान’ करीब 5 लाख लोगों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। परीक्षा कई भाषाओं में आयोजित हो रही है जिसमें संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, मराठी, तेलुगू और उड़िया भाषा में सवाल पूछे जा सकते हैं।

गाय की पवित्रता का हो प्रचार-प्रसार

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने 5 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि परीक्षा का उद्देश्य सभी भारतीयों के मन में गायों के बारे में जिज्ञासा पैदा करना है। उन्हें गायों की उन क्षमताओं के बारे में बताना है कि गाय अगर दूध देना बंद भी कर दे, तो भी वह व्यवसाय के कितने अवसर दे सकती है।

इस परीक्षा में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और कॉलेजों के छात्र भाग ले सकते हैं। इसके अलावा आम जनता से भी कोई व्यक्ति इस परीक्षा में शामिल हो सकता है। परीक्षा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग क्या है?

केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय के तहत साल 2019 में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग गठित हुआ था। वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने गौ विज्ञान की पवित्रता और उपयोग को प्रसारित करने के लिए परीक्षा आयोजन का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय गायों के कूबड़ में कुछ खास है जो अपने दूध को सोने में बदल देती हैं। दरअसल गाय का दूध संपूर्ण आहार कहा जाता है ये बेहद पोष्टिक हल्का पीले रंग का होता है।”

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