अब पैसे की तंगी या योग्यता आपके विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ने के सपने में आड़े नहीं आएगी। यूजीसी के नए नियम के मुताबिक आप भारत में रहकर भी विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री हासिल कर सकते हैं। अब तक 48 यूनिवर्सिटी ने इस पर अपनी सहमति दे दी है।
करियर डेस्क : कई बार विदेशों में पढ़ने का सपना पूरा नहीं हो पाता। फाइनेंशियल समस्याएं या फिर किसी अन्य वजह से एडमिशन नहीं मिल पाता। ऐसे स्टूडेंट्स के लिए अब खुशखबरी है। नए नियम के मुताबिक, अब भारत में रहकर भी विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री (Foreign University Degree) ले सकते हैं। कई बच्चे विदेशी संस्थान से पढ़ाई करने का सपना देखते हैं. दरअसल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC) ने विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर नए प्रोग्राम चलाने पर मुहर लगा दी है। इन प्रोग्राम के तहत अब भारत के कुछ विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स डुअल डिग्री (Dual Degree Programs) प्राप्त कर सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और विदेशी संस्थान मिलकर तीन नए प्रोग्राम चलाएंगे।
कौन-कौन से प्रोग्राम
ट्विन प्रोग्राम
इसके तहत कुछ कोर्स ऐसे होंगे, जिसके छात्र को एक, दो या तीन सेमेस्टर की पढ़ाई विदेशी यूनिवर्सिटी में जाकर करनी होगी. यह एक एक्सचेंज प्रोग्राम होगा, जिसमें कोर्स का 30 प्रतिशत क्रेडिट विदेशी विश्वविद्यालय से प्राप्त करना होगा।
जॉइंट डिग्री प्रोग्राम
एक भारतीय और एक विदेशी यूनिवर्सिटी मिलकर इस तरह का प्रोग्राम संचालित करेंगे। इसमें जो डिग्री मिलेगी, वो भारतीय विश्वविद्याल की होगी। डिग्री में दोनों यूनिवर्सिटी का नाम होगा। दोनों यूनिवर्सिटी से 30-30 प्रतिशत क्रेडिट हासिल करना होगा।
डुअल डिग्री प्रोग्राम
इस प्रोग्राम को भी एक भारतीय और एक विदेशी विश्वविद्यालय मिलकर चलाएंगे। लेकिन इस प्रोग्राम के तहत दोनों विश्वविद्याल अलग-अलग डिग्री जारी करेंगे। इस प्रोग्राम में भी दोनों यूनिवर्सिटी से 30-30 प्रतिशत या उससे ज्यादा का क्रेडिट पाना अनिवार्य होगा।
48 यूनिवर्सिटी तैयार
यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, अब तक 48 भारतीय विश्वविद्यालयों की तरफ से इस प्रोग्राम को लेकर सहमति जताई गई है। कई अन्य इस पर विचार कर रहे हैं। जिन्होंने इस पर सहमति दी है, उनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जेएनयू, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी शामिल हैं। वहीं, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी और यूके की क्वीनमेरी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर छात्रों को डिग्री देगा।
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