इसरो के सौर मिशन आदित्य एल-1 के पीछे किन प्रमुख वैज्ञानिकों का है हाथ ? जानिए उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन

आदित्य-एल1 मिशन के लिए मुख्य वैज्ञानिक डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के ने बैंगलोर विश्वविद्यालय से फिजिक्स में पीएच.डी. की है। वहीं निगार शाजी एक महिला वैज्ञानिक हैं, जो आदित्य एल-1 प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। इनका एजुकेशनल क्वालिफिकेशन जानें।

करियर डेस्क. Aditya-L1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान का सफल प्रक्षेपण किया। इससे पहले 23 अगस्त को इसरो के चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद, इसरो ने अब आदित्य-एल1 नाम से अपना पहला सौर मिशन लॉन्च किया है। यह मिशन सूर्य के अध्ययन पर केंद्रित है। आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया है। यहां पढ़ें भारत के सौर मिशन के पीछे की टीम और उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के बारे में।

कौन हैं Aditya-L1 Mission के  मुख्य वैज्ञानिक डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के

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डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं जिन्हें इसरो ने आदित्य-एल1 मिशन के लिए मुख्य वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त किया गया है। डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के एक अनुभवी वैज्ञानिक हैं जो बेंगलुरु में यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) में सौर अध्ययन में विशेषज्ञता रखते हैं। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के माध्यम से बैंगलोर विश्वविद्यालय से उन्होंने फिजिक्स में पीएच.डी. की डिग्री हासिल की है। उनका रिसर्च सोलर मैगनेटिक फील्ड, ऑप्टिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है। आदित्य-एल1 मिशन के मुख्य वैज्ञानिक ने इसरो के अन्य मिशनों, एस्ट्रोसैट, चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 में भी योगदान दिया है। डॉ. शंकरसुब्रमण्यम के वर्तमान में यूआरएससी के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप (एसएजी) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो एक्सपीओसैट के आगामी इसरो मिशन के लिए वैज्ञानिक पेलोड विकसित करने में शामिल है।

कौन हैं Aditya-L1 Mission की प्रोजेक्ट डायरेक्टर निगार शाजी

निगार शाजी तेनकासी जिले के सेनगोट्टई की एक महिला वैज्ञानिक हैं, जो आदित्य एल-1 प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। उनका जन्म एक किसान शेख मीरान और एक गृहिणी सैतून बीवी के घर हुआ था।उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेनगोट्टई के एसआरएम गर्ल्स स्कूल से पूरी की। बाद में, उन्होंने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और बीआईटी, रांची से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में मास्टर डिग्री के साथ अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाया।

 चंद्रयान 3 की चंद्रमा के साउथ पोल पर हो चुकी है सफल लैंडिंग

वहीं, कुछ दिन पहले ही इसरो ने चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान 3 को सफलतापूर्वक लैंड कराया था। अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अध्यक्ष एस सोमनाथ, चंद्रयान 3 की सफलता के पीछे अग्रणी व्यक्ति थे, उनके साथ चंद्रयान 3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल और चंद्रयान -3 मिशन के लिए डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर कल्पना कालाहस्ती भी थे। चंद्रयान 3 की सफलता के पीछे इसरो के वैज्ञानिकों ने आईआईटी खड़गपुर, आईआईएससी बैंगलोर आदि जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अध्ययन किया है।

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