
Career Guidance: एक दौर था जब करियर का मतलब सिर्फ डॉक्टर या इंजीनियर बनना ही होता था। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। आज का दौर तेजी से बदलती तकनीक, ग्लोबल चुनौतियों और स्पेशलाइज्ड स्किल्स का है। ऐसे में भारतीय यूनिवर्सिटीज ने भी अपने कोर्सेस को समय के साथ ढाल लिया है और कुछ ऐसे नए, हटके और फ्यूचर-रेडी कोर्स शुरू किए हैं, जो न सिर्फ करियर में नयापन लाते हैं बल्कि देश-दुनिया की जरूरतों से भी जुड़ते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे 4 कोर्सेस के बारे में बता रहे हैं जो आज के दौर में बेहद खास हैं और भारत के कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही पढ़ाए जाते हैं।
इस कोर्स का मकसद है ऐसे प्रोफेशनल्स तैयार करना जो विकास को ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण-सम्मत बना सकें। इसमें छात्रों को सिखाया जाता है कि कैसे प्रदूषण को उसके स्रोत पर ही रोका जाए और अगर हो भी जाए तो उसे सबसे बेहतर तकनीक से कंट्रोल किया जा सके।
कहां पढ़ सकते हैं: BITS पिलानी ने 2023 में इसका 4 सेमेस्टर वाला MTech प्रोग्राम शुरू किया है।
क्या बन सकते हैं: वाटर क्वालिटी स्पेशलिस्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट इंजीनियर, एयर क्वालिटी एक्सपर्ट, एनवायरनमेंटल डिजाइन इंजीनियर, EHS मैनेजर (Environmental Health & Safety)
इस कोर्स में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल और डेटा साइंस का मिलाजुला ज्ञान दिया जाता है। इसका फोकस ऐसे सिस्टम बनाना होता है जो फिजिकल और डिजिटल दुनिया को आपस में जोड़ते हैं- जैसे सेल्फ ड्राइविंग कार या AI से चलने वाली फैक्ट्रियां।
कहां मिलती है ये डिग्री: मणिपाल यूनिवर्सिटी, मैंगलोर और VIT वेल्लोर में यह 4 साल का BTech कोर्स ऑफर किया जा रहा है।
क्या कर सकते हैं: रोबोटिक्स डेवलपर, एम्बेडेड सिस्टम आर्किटेक्ट, ऑटोमेशन इंजीनियर, साइबर इंजीनियर, AI रिसर्चर।
यह कोर्स हेल्थकेयर के एडमिनिस्ट्रेटिव साइड को पसंद करने वालों के लिए है। इसमें डॉक्टर्स के द्वारा किए गए इलाज और रिपोर्ट्स को स्टैंडर्ड कोड्स में बदला जाता है जिससे बीमा कंपनियां और अस्पतालों के बीच बिलिंग आसानी से हो सके।
कहां होता है ये कोर्स: सेंटर फॉर हेल्थ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, दिल्ली, इम्पीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च, अहमदाबाद।
क्या बन सकते हैं: हेल्थ इन्फॉर्मेशन टेक्नीशियन, मेडिकल ऑडिटर, कंप्लायंस ऑफिसर।
ये कोर्स उन लोगों के लिए है जो म्यूजिक और हेल्थकेयर को एक साथ समझना चाहते हैं। इसमें सिखाया जाता है कि कैसे साउंड वेव्स और म्यूजिक का वैज्ञानिक तरीके से इस्तेमाल करके मानसिक और शारीरिक बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।
कहां से कर सकते हैं: IIT मंडी ने 2024 में इस कोर्स को लॉन्च किया है और इसमें PG और PhD लेवल की पढ़ाई होती है।
क्या करियर बना सकते हैं: म्यूसोपैथिस्ट (म्यूजिक थेरेपिस्ट), हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट इन म्यूजिक मेडिसिन।
आज का समय बदल चुका है और अब करियर के रास्ते भी कहीं ज्यादा व्यापक और रोचक हो गए हैं। अगर आप भी कुछ हटकर करना चाहते हैं, तो इन कोर्सेस पर जरूर गौर करें। ये न सिर्फ स्किल्स देंगे, बल्कि भविष्य में आपकी पहचान भी बनाएंगे।