वनतारा मिशन के पीछे है अनंत अंबानी के बचपन की यह घटना, जानिए पब्लिक एंट्री क्यों नहीं

Published : May 23, 2025, 04:49 PM ISTUpdated : May 23, 2025, 06:33 PM IST

Anant Ambani Vantara: गुजरात के जामनगर में बना वनतारा, भारत का अब तक का सबसे बड़ा प्राइवेट वाइल्डलाइफ सेंटर है, जिसकी लागत ₹1200 करोड़ बताई जा रही है। वनतारा मिशन के पीछे अनंत अंबानी के बचपन की एक घटना है। जानिए

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अनंत अंबानी के बचपन की वो घटना जो बनी वनतारा की वजह

12 साल की उम्र में अनंत अंबानी ने एक घायल हाथी को देखा था, जिसकी पीड़ा ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। यहीं से शुरू हुई 'वनतारा' की सोच।

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अनंत अंबानी को मां नीता अंबानी से मिली प्रेरणा

नीता अंबानी की सलाह और सपोर्ट से अनंत अंबानी ने इस मिशन को आकार दिया, जिससे हजारों जानवरों की जिंदगी बचाई जा चुकी है।

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वनतारा में एयर-कंडीशन्ड हाथी शेल्टर और हाईटेक मेडिकल यूनिट्स

वनतारा में हाथियों के लिए AC शेल्टर, जलचर प्रजातियों के लिए वाटर क्लीनिक, और इंटरनेशनल लेवल की वेटरनरी सुविधाएं हैं।

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वनतारा के जरिए 1.5 लाख से ज्यादा जानवरों को मिली नई जिंदगी

यहां 2000 से ज्यादा प्रजातियों के 1.5 लाख जानवरों को बचाया गया है जिनमें टाइगर, लायन, मगरमच्छ, कछुए और मोर जैसे प्राणी शामिल हैं।

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इतनी भव्य जगह पर पब्लिक एंट्री क्यों नहीं?

वनतारा कोई 'प्राइवेट जू' नहीं है यह एक रिसर्च-आधारित रेस्क्यू और रिहैब सेंटर है। यहां आम जनता की एंट्री प्रतिबंधित है ताकि जानवरों को शांति और नैचुरल एनवायरनमेंट मिल सके।

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पीएम मोदी ने किया था वनतारा का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2025 में इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था, जिसके बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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वनतारा को मिला 'प्राणी मित्र' अवॉर्ड

भारत सरकार ने वनतारा को 'Prani Mitra Award' से सम्मानित किया है, जो पशु कल्याण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

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वनतारा की देखरेख में इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स

इस प्रोजेक्ट में दुनिया के टॉप वेटरनरी डॉक्टर्स, एनिमल बिहेवियर एक्सपर्ट्स और बायोलॉजिस्ट शामिल हैं।

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वनतारा सिर्फ प्रोजेक्ट नहीं, एक सोच है

अनंत अंबानी का वनतारा केवल एक वाइल्डलाइफ सेंटर नहीं, बल्कि जानवरों के लिए सम्मान, संवेदनशीलता और सेवा का प्रतीक बन चुका है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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