पूर्व IAS अधिकारी पूजा खेडकर फिर सुर्खियों में, जानें अब कौन सा पंगा ले लिया?

पूर्व IAS प्रोबेशनर पूजा खेडकर ने UPSC द्वारा लगाए गए आरोपों को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है, उन्होंने UPSC पर चयनित उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के अधिकार पर सवाल उठाया है।

Anita Tanvi | Published : Aug 29, 2024 10:20 AM IST / Updated: Aug 29 2024, 03:56 PM IST

पूर्व IAS प्रोबेशनर पूजा खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में UPSC द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई उम्मीदवार चयनित और प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में नियुक्त हो जाता है, तो UPSC के पास उसे अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं होता। बता दें कि UPSC ने पूजा खेडकर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने गलत तरीके से OBC और विकलांगता कोटा का लाभ उठाकर सिविल सेवा परीक्षा 2022 में सफलता हासिल की। इसके चलते UPSC ने उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से भी प्रतिबंधित कर दिया। 

पूजा खेडकर ने कहा नहीं दी कोई गलत जानकारी

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पूजा खेडकर ने कोर्ट में दावा किया कि उन्होंने किसी भी तरह से गलत जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि UPSC ने उनकी पहचान बायोमेट्रिक डेटा से सत्यापित की थी और उनके सभी डॉक्यूमेंट, जैसे कि एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स, आधार कार्ड, जन्मतिथि आदि सही पाए गए थे।

पूजा खेडकर पर नाम बदलने का आरोप

UPSC ने यह भी आरोप लगाया कि पूजा खेड़कर ने सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित छह प्रयासों से अधिक बार परीक्षा दी और इस दौरान उन्होंने अपने और अपने माता-पिता के नाम में बदलाव किया, जिससे आयोग को यह उल्लंघन पता नहीं चला। पूजा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि 2012 से 2022 तक उनके नाम या सरनेम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

UPSC ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया

UPSC ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल आयोग के साथ, बल्कि देश की जनता के साथ भी धोखाधड़ी की है। आयोग ने कोर्ट में यह भी कहा कि पूजा की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है ताकि इस "धोखाधड़ी" की गहराई तक पहुंचा जा सके, जिसे संभवतः अन्य व्यक्तियों की मदद से अंजाम दिया गया होगा। दिल्ली पुलिस ने भी पूजा की गिरफ्तारी से पहले की जमानत याचिका का विरोध किया है, यह कहते हुए कि उन्हें जमानत देने से जांच में बाधा आएगी और इस मामले का सार्वजनिक विश्वास और सिविल सेवा परीक्षा की निष्पक्षता पर गंभीर असर पड़ेगा।

अगली सुनवाई 5 सितंबर को

दिल्ली हाई कोर्ट ने फिलहाल पूजा खेड़कर की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है और मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी। बता दें कि इस विवाद के चलते सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया और UPSC की शक्ति को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।

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