
Who Was Prisa Sah KIIT: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। 1 मई (गुरुवार) की शाम एक छात्रा का शव उसकी हॉस्टल रूम में फंदे से लटका मिला। मृतक छात्रा की पहचान प्रिसा साह के रूप में हुई है, जो नेपाल की रहने वाली थीं और KIIT में बीटेक फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थीं। यह KIIT कैंपस में एक साल के अंदर आत्महत्या का दूसरा मामला बताया जा रहा है। घटना से कैंपस का माहौल गमगीन हो गया है और छात्र-समुदाय में गहरी चिंता देखी जा रही है।
प्रिसा साह एक इंजीनियर स्टूडेंट थी, जो नेपाल से भारत आकर KIIT यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थीं। वह पहले साल की बीटेक छात्रा थीं और हॉस्टल में रहती थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनका शव हॉस्टल रूम में फंदे से लटका मिला, जिससे प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।
पुलिस फिलहाल जांच में जुटी हुई है और यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि मौत का कारण क्या था। IANS की रिपोर्ट में कमिश्नरेट पुलिस के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि प्रिसा अपने बॉयफ्रेंड के साथ संबंधों में तनाव के कारण मानसिक रूप से बहुत परेशान थीं। बताया जा रहा है कि उनका बॉयफ्रेंड देहरादून में रहता है, लेकिन रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि उनके बीच क्या विवाद था।
KIIT ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर दुख प्रकट करते हुए लिखा- "हमारी प्रिय छात्रा प्रिसा साह के असामयिक निधन से हम बेहद दुखी हैं। KIIT के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मिलकर शोक व्यक्त किया और उनके परिवार, दोस्तों और छात्र समुदाय के साथ एकजुटता प्रकट की। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।"
अखिल भारत नेपाली एकता समाज ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है। समाज के सदस्य समर बहादुर ने कहा, "हम चाहते हैं कि इस घटना की सच्चाई जल्द सामने आए। हम भी अपनी तरफ से जांच करेंगे कि आखिर क्या हुआ और प्रिसा की मौत क्यों हुई। अगर कोई दोषी है तो उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।"
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर भरोसा न करें और केवल आधिकारिक सूचना पर विश्वास रखें। KIIT ने कहा, "यह एक संवेदनशील मामला है, जिसमें गलत जानकारी से और ज्यादा दुख और भ्रम फैल सकता है। पुलिस जांच कर रही है और हम पूरा सहयोग दे रहे हैं।"
अगर आप या आपके किसी जानने वाले को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो चुप न रहें, मदद के लिए बात करें। देशभर में कई हेल्पलाइन उपलब्ध हैं, जिसमें-