हाल ही में अपने लेह दौरे के दौरान जवानों को संबोधित करते हुए भी उन्होंने महान संत तिरूवल्लुवर को याद किया था। प्रधानमंत्री अक्सर अपने भाषणों में ‘‘तिरुक्कुरल’’को उद्धृत करते है। ‘‘तिरुक्कुरल’’ सभी प्रकार के लोगों का मार्गदर्शन करता है।
करियर डेस्क. PM Modi Suggested Tirukkural To Youth: एक तरफ पूरे देश में कोरोना वायरस फैला है दूसरी ओर बच्चों के रिजल्ट घोषित हो रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि देश भर के युवा ‘तिरुक्कुरल’ जरूर पढ़ेंगे। पीएम के मुंह से इस किताब का जिक्र होते ही चर्चा छिड़ गई है कि आखिर ये किताब है क्या है?
हम आपको इस बारे बता रहे हैं। दरअसल ‘तिरुक्कुरल’तमिल शास्त्रीय ग्रंथ है। पीएम ने कहा, उम्मीद है देश का युवा समृद्ध विचारों और उत्तम आदर्शों का कोष तिरुक्कुरल जरूर पढ़ेंगे और इससे प्रेरणा लेंगे।
प्रधानमंत्री पहले भी कर चुके हैं किताब का जिक्र
अंग्रेजी और तमिल भाषा में सिलसिलेवार ट्वीट कर प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘तिरुक्कुरल’’ बहुत प्रेरक है। उन्होंने कहा, ‘‘यह समृद्ध विचारों, उत्तम आदर्शों और महान प्रेरणा का कोष है। महान संत तिरूवल्लुवर के शब्दों में उम्मीद और प्रकाश बिखेरने की क्षमता है।’’ मोदी ने उम्मीद जताई कि देश भर के अधिक से अधिक युवा इसे पढ़ेंगे। उन्होंने तमिल भाषा में छपे कुछ आलेख भी साझा किए जिनमें प्रधानमंत्री द्वारा अपने संबोधनों में इस तमिल शास्त्रीय ग्रंथ का अनेक बार उल्लेख किया गया है।
किताब सभी लोगों का मार्गदर्शन करती हैं
हाल ही में अपने लेह दौरे के दौरान जवानों को संबोधित करते हुए भी उन्होंने महान संत तिरूवल्लुवर को याद किया था। प्रधानमंत्री अक्सर अपने भाषणों में ‘‘तिरुक्कुरल’’को उद्धृत करते है। ‘‘तिरुक्कुरल’’ सभी प्रकार के लोगों का मार्गदर्शन करता है।
भारतीय सेनाएं हमेशा से इसी मार्ग पर चली हैं
गत तीन जुलाई को अपने लेह दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने ‘‘तिरुक्कुरल’’को उद्धृत करते हुए कहा था कि भारतीय सेनाएं शौर्य, सम्मान, मर्यादापूर्ण व्यवहार की परम्परा का अनुसरण करती रही हैं। मोदी ने संत तिरूवल्लुवर की पंक्तियों ‘‘मरमानम मांड वडिच्चेलव् तेट्रम , येना नान्गे येमम पडईक्कु’’को उद्धृत किया था। उन्होंने कहा था, ‘‘शौर्य, सम्मान, मर्यादापूर्ण व्यवहार की परम्परा और विश्वसनीयता, ये चार गुण किसी भी देश की सेना का प्रतिबिम्ब होते हैं।
भारतीय सेनाएं हमेशा से इसी मार्ग पर चली हैं।’’तिरुक्कुरल एक प्राचीन रचना है, जिसे मुक्तक काव्य में लिखा गया था। इसके रचयिता तिरुवल्लुवर थे। यह तमिल भाषा में लिखी गई एक प्रसिद्ध कृति है। ‘‘तिरुक्कुरल’’ के सूत्र या पद्य जीवन के हर पहलू को स्पर्श करते हैं। यह नीतिशास्त्र की महान रचना है।