जान जोखिम में डाल बच्चों को देनी होंगी परीक्षाएं; यूनिवर्सिटी एग्जाम के लिए UGC ने जारी की नई गाइडलाइंस

यूजीसी की नई गाइडलाइंस (UGC New Guidelines) के अनुसार, फाइनल ईयर के एग्जाम किसी हाल में रद्द नहीं किए जाएंगे। हालांकि अब इसके आयोजन का समय बदल दिया गया है। इसके तहत यूनिवर्सिटीज के फाइनल ईयर के एग्जाम सितंबर के अंत तक कराए जा सकेंगे।

नई दिल्ली. UGC New Guidelines University Exams 2020:  यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (University Grant Commission) यानी यूजीसी (UGC) की नई गाइडलाइंस का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स को राहतभरी खबर मिली है।  यूजीसी की नई गाइडलाइंस (UGC New Guidelines) के अनुसार, फाइनल ईयर के एग्जाम किसी हाल में रद्द नहीं किए जाएंगे।

हालांकि अब इसके आयोजन का समय बदल दिया गया है। इसके तहत यूनिवर्सिटीज के फाइनल ईयर के एग्जाम सितंबर के अंत तक कराए जा सकेंगे। नई गाइडलाइंस में यूनिवर्सिटीज को परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों विकल्प दिए गए हैं।

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आइए, जानते हैं यूजीसी की नई गाइडलाइंस से जुड़ी खास बातें-

1. यूनिवर्सिटीज या शिक्षण संस्थान सितंबर के अंत तक फाइनल ईयर के एग्जाम आयोजित कराएंगे।

2. हालात और सहूलियत के अनुसार, एग्जाम पेन-पेपर, ऑनलाइन या मिले-जुले माध्यम (ऑनलाइन और ऑफलाइन) से कराए जा सकते हैं। 

3. बैकलॉग वाले स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम अनिवार्य होंगे. ऐसे छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरह से परीक्षा दे सकते हैं।

4. किसी वजह से फाइनल ईयर का कोई स्टूडेंट एग्जाम नहीं दे पाता है तो उसे स्पेशल एग्जाम में हिस्सा लेने का मौका दिया जाएगा जो यूनिवर्सिटी हालात के हिसाब से आयोजित करेगी। ये मौजूदा एकेडमिक सत्र पर लागू होगा और सिर्फ एक बार ही इसका लाभ लिया जा सकेगा।

5. इंटरमीडिएट सेमेस्टर के लिए यूजीसी की 29 अप्रैल को जारी की गई गाइडलाइंस ही मान्य होंगी।

6. अगर जरूरत पड़ी तो एडमिशन और एकेडमिक कैलेंडर से जुड़ी जरूरी जानकारी यूजीसी अलग से बताएगा।

 

यूजीसी की नई गाइडलाइंस को लेकर स्टूडेंट्स को ये बात समझने की जरूरत है कि वास्तव में एग्जाम स्थगित होने के अलावा पुरानी गाइडलाइंस में अधिक बदलाव नहीं किया गया है। एग्जाम के आयोजन की अहमियत पर जोर देते हुए यूजीसी ने साफ कर दिया है कि परीक्षाएं तो हर हाल में आयोजित कराई जाएंगी, हालांकि इसके लिए समय अब बढ़ाकर सितंबर तक कर दिया गया है।

ऐसा रहा घटनाक्रम

- यूजीसी ने सबसे पहले 29 अप्रैल को गाइडलाइंस जारी कर सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को फाइनल ईयर के एग्जाम 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित करने का निर्देश दिया।

- वहीं पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं के लिए 15 से 30 जुलाई का समय निर्धारित किया गया था।

- हालांकि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने के बाद मानव संसासधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी से हालात की समीक्षा कर नई गाइडलाइंस जारी करने को कहा।

- यूजीसी ने इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की। जिसकी रिपोर्ट के बाद यूजीसी बोर्ड ने नई गाइडलाइंस जारी की।

 

 

नीट और जेईई मेन भी सितंबर में

यूजीसी की नई गाइडलाइंस जारी करते हुए नीट और जेईई मेन एग्जाम के साथ भी इसका तालमेल बैठाया गया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार ये दोनों परीक्षाएं भी सितंबर में आयोजित करने की बात कही गई है। यूजीसी की नई गाइडलाइंस मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने ट्वीटर हैंडल पर जारी की। 

एनएसयूआई (NSUI) ने फैसले पर उठाए सवाल

यूजीसी के फैसले पर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया यानी एनएसयूआई (NSUI) ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। एनएसयूआई ने एग्जाम कराए जाने के फैसले को संकुचित मानसिकता करार दिया तो इसे छात्रों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी बताया। एनएसयूआई का कहना है कि जब आईआईटी बांबे फाइनल ईयर के एग्जाम रद्द कर सकती है तो बाकी की यूनिवर्सिटीज ऐसा क्यों नहीं कर सकती?

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