Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने अर्थ जैन से बातचीत की।
करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के इंटरव्यू में एस्पिरेंट्स से ऐसे सवाल पूछे जाते हैं, जो सेलेबस में नहीं होते हैं। कैंडिडेट्स के लिए इन सवालों का जवाब देना थोड़ा मुश्किल सा लगता है। यूपीएससी में 16वीं रैंक पाने वाले अर्थ जैन से भी ऐसा ही सवाल किया गया, जो सेलेबस में नहीं था। इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि, इंस्पिरेशन और मोटिवेशन में क्या अंतर होता है। जब उन्होंने इसका जवाब दिया तो बोर्ड मेंबर खुश हो उठे। उनसे आईपीसी-सीआरपीसी और इनोवेशन के बारे में भी सवाल किए गए थे। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने अर्थ जैन से बातचीत की। आइए जानते हैं उनसे किस तरह के सवाल किए गए थे?
सवाल- इनोवेशन को मेजर (measure) कैसे करते हैं?
जवाब- ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स के जरिए मेजर (measure) किया जा सकता है।
सवाल- सीआरपीसी और आईपीसी में क्या अंतर हैं?
जवाब- एक क्राइम के लिए प्रोसीजर डिसाइड करता है, एक सजा डिसाइड करता है।
सवाल- क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल में क्या अंतर है?
सवाल- एक वातावरण के बाहर जाती है, एक ग्राउंड के नीचे लो अलटीटयूड पर फ्लाई करती है।
सवाल- मैकेनिकल इंजीनियरिंग में टॉलरेंस क्या होता है?
जवाब- डिजाइन का कंसेप्ट है, जो डिजाइन में एरर एस्टीमेशन के लिए यूज होता है।
पहले अटेम्पट में प्रीलिम्स भी नहीं निकला
अर्थ जैन की शुरूआती शिक्षा संस्कृति स्कूल नई दिल्ली से हुई। उसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। वर्ष 2019 में उनका ग्रेजुएशन पूरा हुआ और इसी वर्ष उनका यूपीएससी परीक्षा में पहला अटेम्पट था। जिसमें उनका प्रीलिम्स भी नहीं निकला। तब उन्होंने अपनी कमियों को समझा और उसमें सुधार कर, आगे बढें। उनका कहना है कि वर्ष 2017 के आस पास उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी, तब वह ग्रेजुएशन के तीसरे वर्ष में थे।
पिता हैं आईपीएस
अर्थ जैन के पिता मुकेश जैन आईपीएस हैं। बचपन से उन्होंने अपने पिता को काम करते देखा। उनका कहना है कि समाज में सिविल सर्विस एक प्रेस्टीजियस करियर के तौर पर जाना जाता है। खासतौर पर उन्हें अपने पिता से ही सिविल सर्विस में जाने की प्रेरणा मिली और जब वह कॉलेज में गए तो देखा कि काफी लोग यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसी दौरान उनका विचार, दृढ निश्चय में बदल गया और कॉलेज के तीसरे वर्ष से ही वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। यूपीएससी 2020 परीक्षा में उनकी 563वीं रैक आयी है।
अनुशासन रहना चाहिए
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी एक लंबी जर्नी है। इसमें उतार चढ़ाव आते हैं। कभी टेस्ट में सही रिजल्ट नहीं आता है तो अभ्यर्थियों को निराशा भी होती है। उसमें अभ्यर्थी अपने-अपने तरीके से खुद को मोटिवेट भी करते हैं। कुछ लोग अपनी हॉबीज का सहारा लेते हैं तो कुछ लोग अपने परिवार व दोस्तों से सम्पर्क में बने रहते हैं। उनसे बातचीत करते हैं और अपनी बातें शेयर करते हैं। साथ में तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से स्ट्रेटजी के बारे में बात करते रहते हैं। इससे उनका मोटिवेशन बना रहता है। अर्थ जैन कहते हैं कि इस जर्नी में कई बार निराशा आती थी। पर जब एक बार निर्णय ले लिया कि यही करना है तो बस यही ही करना है। बीच बीच में ऐसा होता था कि कुछ दिन पढ़ने का मन बिल्कुल नहीं करता तो ब्रेक ले लेते हैं। दोस्तों से बात कर लेता हूं। म्यूजिक सुन लेता हूं और अगले दिन नयी ऊर्जा के साथ फिर से पढ़ने बैठ जाता हूं। उनका मानना है कि मोटिवेशन तो आता जाता है। यदि पढ़ने का मन नहीं भी कर रहा है तो भी समय से उठिए और कुछ न कुछ पढिए। यदि आप अपने रूटीन को छोड़ेंगे तो यह आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कम से कम अनुशासन बना रहना चाहिए। यह सबसे जरूरी है।
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