UPSC Topper 2020: अमरोहा का कल्चर क्या है? ऐसे सवालों का जवाब देकर मुस्लिम कम्युनिटी के लिए मिसाल बनी सदफ

Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने सदफ चौधरी  से बातचीत की। 

करियर डेस्क.  UPSC की तैयारी करने वाले कैडिडेट्स के लिए सबसे टफ होता है इंटरव्यू निकालना। इंटरव्यू में सवाल ही इस तरह के पूछे जाते हैं जिसे लेकर कैंडिडेट्स को मुश्किलें होती हैं। अमरोहा के जोया कस्बे की रहने वाली सदफ चौधरी (sadaf choudhary) की संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में 23वीं रैंक आई है। इंटरव्यू में उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए इन सवालों के सही जवाब देकर उन्होंने सफलता हासिल की है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने सदफ चौधरी  से बातचीत की। आइए जानते हैं सदफ चौधरी से इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए थे और उनका जवाब क्या है। 

सवाल- अमरोहा का कल्चर क्या है?
जवाब-
सदफ ने इंटरव्यू लेने वालों को ढोलक इंडस्ट्री और कमाल अमरोही के बारे में बताया।

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सवाल- वुमेन ट्रैवेलर को क्या दिक्क्त आ सकती हैं?
जवाब-
सिक्योरिटी की दिक्कत है। कहीं फेसिलिटी नहीं है। विशेषतौर पर वाशरूम की दिक्कत रहती है।

सवाल- उसे कैसे दूर कर सकते हैं?
जवाब-
यूरोपियन कंट्री में वुमेन ट्रैवलेर की अलग ही सेगमेंट हैं। हमारे यहां कोई सेगमेंट नहीं है। हम वहां की काफी चीजें यूज कर सकते हैं।

सवाल- अफगानिस्तान को लेकर क्या करना चाहिए?
जवाब-
तालिबान ने टेकओवर कर लिया है लेकिन उनके साथ कई लेबल पर डील करने की जरूरत है। तालिबान गवर्नमेंट चला रहा है। वहां जो लोग हैं वह हमेशा से हमारे दोस्त रहे हैं। हमें उन्हें मानवीय सहायता देने की जरूरत है।

सवाल-आपने अमेरिकन बैंक के साथ काम किया है, आपने क्या सीखा, उसे कैसे सर्विस में यूज कर सकती हैं?
जवाब-
मैंने बताया कि वहां का जो कल्चर है। उससे मैंने किस तरह से सीखा कि लोग कितने डेडिकेटेड हैं। कैसे लोग समय के साथ काम करते हैं। ज्यादा फार्मेलिटी नहीं है। ब्यूरोक्रेसी ज्यादा नहीं है। जल्दी-जल्दी काम होते जाते हैं। 

सवाल- इंडिया में कैसे इम्प्रूव कर सकते हैं?
जवाब-
सिविल सर्वेंट की ट्रेनिंग करिए कि वह ज्यादा बढ़िया तरीके से लोगों को हैंडल करें। ई-गवर्नेंस लेकर आइये। इससे पारदर्शिता काफी बढ़ जाती है। हमारे स्ट्रक्चर में एक से दूसरे लेबल पर रेड टेप ज्यादा है। लेबल कम करने की आवश्यकता है। फाइल पर फाइल बढ़ जाती है।

पढ़ाई के लिए नहीं था माहौल
सदफ कहती हैं कि वह वह चीज मेरे साथ साथ हमेशा चलती रही कि ज्यादा पढ़कर क्या हो जाएगा। शादी ही करनी है। उसकी परवाह करिए। बाहर पढ़ने मत जाइए। जॉब मत करिए क्योंकि आप बिगड़ जाएंगे। उनका कहना है कि वह जिस बैकग्राउंड से आती हैं। वहां यह मानसिकता रहती है। उनकी कई बार आलोचना भी हुई लेकिन उनके मन में हमेशा से यही भावना रही कि लड़कियों के लिए विशेषकर मुस्लिम कम्युनिटी की लड़कियों के लिए एक आदर्श स्थापित करना है, क्योंकि उनके लिए किसी रोल मॉडल की ज्यादा जरूरत है। यह एक ऐसी वजह थी। जिसकी वजह से सदफ को ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ा। 

अमेरिकन बैंक की नौकरी छोड़कर शुरू की तैयारी
सदफ की प्रारम्भिक शिक्षा एसएलए अमरोहा से हुई। हाईस्कूल की परीक्षा में जिला टॉपर रहीं और इंटरमीडिएट की परीक्षा 91 प्रतिशत अंकों के साथ पास हुईं। वर्ष 2010 में हाईस्कूल और वर्ष 2012 में 12वीं पास कर उन्होंने जेईई मेन्स परीक्षा दी। उसमें उनका चयन हुआ और डॉ बीआर अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (NIT), जालंधर में उनका दाखिला हुआ। वर्ष 2016 में एनआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने दो साल तक एक अमेरिकन बैंक के साथ काम किया लेकिन वर्ष 2018 में उन्होंने जॉब छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष 2019 की परीक्षा में उन्होंने पहला अटेम्पट दिया पर उसमें उनका प्रीलिम्स नहीं निकला। वर्ष 2020 की परीक्षा में यह उनका दूसरा अटेम्पट था।

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